नई दिल्ली : अनिल धीरूभाई अंबानी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (एडीएवीपीएल) ने रिलायंस कैपिटल के सफल समाधान आवेदक आईआईएचएल (IIHL) को रिजाल्यूशन प्लान होते ही ‘रिलायंस’ ब्रांड नाम का उपयोग बंद करने का निर्देश देने की अपील की है। इस मामले में रिलायंस समूह की कंपनी अनिल धीरूभाई अंबानी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में एक अंतरिम याचिका दायर की है।
एनसीएलटी ने 27 फरवरी को आईआईएचएल की रिजाल्यूशन प्लान को मंजूरी देते हुए योजना की मंजूरी की तारीख से तीन साल के लिए रिलायंस ब्रांड का उपयोग करने की अनुमति दी थी। अनिल धीरूभाई अंबानी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि ब्रांड समझौता आरकैप के पक्ष में ब्रांड को लेकर कोई अधिकार नहीं देता है, बल्कि केवल इसके इस्तेमाल की अनुमति देता है।
इसमें आगे कहा गया कि इस स्थिति को देखते हुए ब्रांड दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता की धारा 18 में प्रयुक्त शब्द के अर्थ में आरकैप की संपत्ति नहीं है। ऐसे में अनिल धीरूभाई अंबानी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने समाधान योजना के कार्यान्वयन के तुरंत बाद आईआईएचएल द्वारा ब्रांड के उपयोग को बंद करने का अनुरोध किया है। अनिल धीरूभाई अंबानी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस कैपिटल ब्रांड लाइसेंसिंग एग्रीमेंट पर 1 अप्रैल 2024 को समझौता किए थे। इस एग्रीमेंट के तहत अनिल धीरूभाई अंबानी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने रिलायंस कैपिटल के लिए 10 सालों तक रॉयल्टी फ्री ब्रांड नेम प्रयोग करने की अनुमित दिया था। जोकि अब एक्सपायर कर गया है। इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, ब्रांड रिलायंस संयुक्त रूप से मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के स्वामित्व में है, और किसी अन्य कंपनी या व्यक्ति को इसका उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
बता दें, 21 दिसंबर 2022 की तय डेडलाइन के 24 घंटे पहले हिंदुजा ग्रुप ने 9650 करोड़ रुपये का रिजॉल्यूशन प्लान जमा करवाया था। एनसीएलटी मुंबई ने फरवरी 2024 में ग्रुप के इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स के प्लान को अप्रूव करवा दिया था।