एक और बड़ा प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से बाहर! इस राज्य को मिली परियोजना, केंद्र सरकार से मिलेंगे रु 400 करोड़
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में नए प्रोजेक्ट लाने के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार काफी कोशिश कर रही है। लेकिन, इसबीच राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, केंद्र से ऊर्जा उपकरण निर्माण क्षेत्र (Energy Equipment Manufacturing Zone) प्राप्त करने के लिए आठ राज्यों की प्रतियोगिता से महाराष्ट्र (Maharashtra) हट गया है। यह प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश (Madhya Pardesh) चला गया है।
केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश सरकार को एक पत्र भेजा गया है। बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क के बाद ऊर्जा उपकरण निर्माण जोन भी महाराष्ट्र के हाथ से निकल चुका है। शिंदे-फडणवीस सरकार ने इसका खुलासा करते हुए इसके लिए पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
वेदांता-फॉक्सकॉन, टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट गुजरात चला गया है। इस वजह से शिंदे-फडणवीस सरकार की आलोचना हो रही हैं। बल्क ड्रग पार्क राज्य से बाहर जाने के बाद भी विपक्ष को घेरा था। इसी बीच ऊर्जा उपकरण निर्माण क्षेत्र हासिल करने के लिए महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) कोशिश कर रहा था। महाराष्ट्र के अलावा आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे आठ राज्य इस प्रोजेक्ट के लिए कोशिश कर रहे थे। एमआईडीसी ने महाराष्ट्र से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था।
इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने इन आठ राज्यों के प्रस्तावों का मूल्यांकन एक एजेंसी के जरिए किया। उस मूल्यांकन में मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम के प्रस्ताव को सर्वाधिक अंक दिये गये। एजेंसी के अनुसार मध्य प्रदेश के प्रस्ताव को केंद्र सरकार की परियोजना संचालन समिति ने 22 अक्टूबर 2022 को मंजूरी दी और केंद्र सरकार ने 2 नवंबर 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को परियोजना स्वीकृति पत्र जारी किया।
इस जोन के निर्माण के लिए केंद्र सरकार 400 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी। इससे पहले महाराष्ट्र से बाहर गए बल्क ड्रग पार्क के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 1000 करोड़ रुपये और मेडिकल डिवाइस पार्क के 400 करोड़ रुपये लिए मिलने वाले हैं।