लंदन यूनिवर्सिटी में चल रहा भारत विरोधी अभियान, भारतीय छात्र का बड़ा दावा

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नई दिल्ली : एक भारतीय छात्र ने दावा किया है कि लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में उसे छात्र संघ चुनाव से इसलिए अयोग्य ठहराया गया क्योंकि वह एक भारतीय है और हिंदू समुदाय से उसका संबंध है। भारतीय छात्र ने दावा किया कि उसे बदनाम करने के लिए सुनियोजित साजिश रची गई। बता दें कि हरियाणा के निवासी करण कटारिया लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से कानून की परास्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं।

करण ने बताया कि साथियों के कहने पर उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के छात्र संघ चुनाव में महासचिव पद का चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि बीते हफ्ते आए नतीजों में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। करण ने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोग यह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि एक भारतीय हिंदू लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का नेतृत्व करे। मेरी छवि को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

करण ने कहा कि भारतीय और हिंदू होने के चलते उनके खिलाफ जिस तरह से साजिश रची गई, उसे देखकर उन्हें दुख हुआ। करण ने कहा कि छात्र संघ चुनाव के दौरान हर देश के छात्रों ने उनका समर्थन किया लेकिन इस्लामोफोबिक, और हिंदू राष्ट्रवादी होने के आरोप लगाकर मुझे अयोग्य घोषित कर दिया गया। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मेरी छवि को बदनाम करने की कोशिश करने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें दंडित करने की बजाय मेरा पक्ष जाने बिना मुझे अयोग्य करार दे दिया।

करण ने ये भी बताया कि चुनाव के दिन भारतीय और हिंदू छात्रों को उनकी धार्मिक पहचान के लिए उन्हें निशाना बनाया गया। छात्रों ने जब इसकी शिकायत की तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि वह किसी भी तरह की प्रताड़ना के खिलाफ हैं। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र संघ चुनाव की समीक्षा करने की बात कही है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा कि नियमों के तहत छात्र संघ चुनाव के उम्मीदवारों को वोट डाल रहे छात्रों से दो मीटर की दूरी बनाकर रखनी होती है। इसका उल्लंघन करने पर एक छात्र को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

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