नई दिल्ली : अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुई ट्रेड वॉर का असर तमाम कंपनियों पर पड़ा है. चाहे चीन की दिग्गज कंपनी Huawei हो या फिर ऐपल. दोनों ही कंपनियों पर इस जंग का असर पड़ा है. इसे देखते हुए Apple ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग को चीन से बाहर ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है. इसमें खासा फायदा भारत का हुआ है.
जहां कुछ साल पहले तक ज्यादातर iPhone और दूसरे ऐपल का प्रोडक्ट्स का निर्माण चीन में होता था. वहीं अब भारत के हाथ एक बड़ा हिस्सा आने लगा है. कंपनी ने कुछ साल पहले भारत में iPhone की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की थी. हालांकि, उस वक्त कंपनी पुराने iPhone को भारत में असेंबल करती थी.
अब कहानी धीरे-धीरे बदल रही है. iPhone 15 सीरीज की लॉन्चिंग के साथ ही कंपनी ने लेटेस्ट iPhones की मैन्युफैक्चरिंग भारत में करना शुरू कर दिया. हालांकि, अभी भी भारत में सिर्फ नॉन-प्रो मॉडल्स को ही तैयार किया जाता है. कंपनी प्रो वेरिएंट्स का निर्माण चीन में ही करती है.
हाल में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया में अब हर 7वां iPhone भारत में तैयार किया जा रहा है. यानी दुनियाभर में भारत में बने iPhones की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत करने के लिए ऐपल कुछ कंपनियों से बातचीत में लगी है.
इस लिस्ट में एक नाम मुरुगप्पा ग्रुप और टाइटन का है. ऐपल इन कंपनियों से iPhone के सब कंपोनेंट्स तैयार करने को लेकर बात कर रही है. ये बातचीत कैमरा मॉड्यूल में इस्तेमाल होने वाले पार्ट को लेकर है. अगर ये डील होती है, तो ये ऐपल के ऑपरेशन्स के चीन से भारत में शिफ्ट होने ही दिशा में बड़ा कदम होगा.
अभी तक ऐपल की लिस्ट में कैमरा मॉड्यूल कंपोनेंट्स की सप्लाई वाला कोई भी भारतीय सप्लायर नहीं है. टाइटन या मुरुगप्पा ग्रुप से ऐपल की साझेदारी इस कमी को पूरा कर सकती है. रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों कंपनियों के बीच अगले पांच से 6 महीने में कोई डील फाइनल हो सकती है.
हालांकि, इस बारे में किसी भी कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है. ऐपल के लिए भारत में कैमरा मॉड्यूल एक बड़ी चुनौती है. ये एक ऐसा पार्ट है, जिसे कंपनी लोकल तैयार नहीं कर पा रही है. भारत में कैमरा मॉड्यूल को तैयार करने से कंपनी को कई फायदे होंगे. इससे भारत में ब्रांड की सप्लाई चैन भी मजबूत होगी.