नई दिल्ली: होली के बाद शीतला अष्टमी का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. यह चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ती है. इससे एक दिन शीतला सप्तमी मनाई जाती है, इसमें शीतला मां के लिए भोग बनाया जाता है और अगले दिन उन्हें बासी और ठंडे पकवान का भोग लगाया जाता है. इस दिन दिनांक 15 मार्च दिन बुधवार को यानि कि कल शीतला अष्टमी मनाई जाएगी. इस दिन परिवार के सभी सदस्य बासी और ठंडे पकवान ही खाते हैं.
मां को भाग बनाने के लिए उससे एक दिन पहले रात में स्नान करने के बाद पकवान बनाई जाती है. जिसमें कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. ये एक तरीके का विशेष भोग माना जाता है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि मां शीतला को भोग में क्या चढ़ाएं और क्या बनाएं और इस दिन भोग बनाते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
आज संध्या में स्नान करने के बाद मीठे चावल, खाजा, चूरमा, शक्कर पारे, पूड़ी, चावल-दाल, लपसी, पुआ, पकौड़ी, रोटी,सब्जी, बाजरे, रबड़ी आदि जैसे पकवान बनाना चाहिए. इन पकवानों को तैयार करें और किसी साफ और अच्छे जगह पर रख दें, इसे जूठा न करें. अगले दिन मां को इन्हीं पकवानों का भोग लगाएं. उसके बाद परिवार के सभी सदस्य इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.
भोग बनाते समय रखें इन बातों का ध्यान
शीतला मां का भोग तैयार करने के दौरान इतना ज्यादा न पकाएं कि वह लाल हो जाए. पकवान को धीमी आंच पर पकाएं.
भोग बनाने में केवल घी का इस्तेमाल करें.
सभी पकवानों को रात में ही तैयार कर लें. अगले दिन कोई पकवान न बनाएं.
पकवान बनाने के बाद रसोईघर को साफ करें, उसके बाद चूल्हे पर रोली, अक्षत, फूल चढ़ाएं और दीप जलाएं. अगलके दिन चूल्हा न जलाएं.
कल सुबह जल्दी स्नान करें. उसके बाद सभी पकवान तैयार करें और शीतला मां को भोग लगाएं. उसके बाद उनकी विधिवत पूजा करें.