नई दिल्ली (New Delhi)। भारत सरकार ने बीते बुधवार यानी 7 फरवरी 2024 को संसद भवन में जानकारी दी कि उन्हें सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट प्लांट्स के लिए 4 और चिप एसंब्लीज़ यूनिट के लिए 13 प्रस्ताव मिले हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चार ग्लोबल सेमीकंडक्टर कंपनियां भारत में फैब स्थापित करने के लिए केंद्र के साथ बातचीत कर रही हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि ये प्रस्ताव अमेरिकी मेमोरी चिप निर्माता माइक्रोन द्वारा स्थापित किए जा रहे 22,516 करोड़ रुपये के चिप असेंबली प्लांट के अतिरिक्त हैं.
मंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करने के लिए चार प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब और ATMPS (Assembly, Testing Marking and Packaging) सुविधाएं स्थापित करने के लिए अतिरिक्त 13 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने लोकसभा सत्र के दौरान संसद और देश को जानकारी दी कि सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये के टोटल आउटलेय के साथ सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा मंत्री ने बताया कि सरकार के इस कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले मैन्यूफैक्चरिंग और डिजाइन इकोसिस्टम में निवेश करने वाली कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
अब देखना होगा कि भारत सरकार के इस नए कदम के बाद देश में सेमीकंडक्टर चिप, डिस्प्ले मैन्यूफैक्चरिंग और डिजाइन को बनाने वाले इकोसिस्टम में कितना निवेश होता है, और उसका भारत के टेक मार्केट जैसे कि स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी, टैबलेट, लैपटॉप आदि की इंडस्ट्री में कितनी बदलाव आता है. एक अनुमान के मुताबिक गैजेट्स में इस्तेमाल होने वाली इन सभी पार्ट्स का निर्माण अगर भारत में ही होगा तो इसका सीधा फायदा ग्राहक को हो सकता है, क्योंकि फिर कंपनियों को अपने गैजेट्स बनाने की लागत में कमी आएगी जिसके कारण एंड-प्रॉडक्ट की कीमत कम हो सकती है.