क्या सेटेलाइट को चकमा दे रहे हैं पराली जलाने वाले किसान…?

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो चुकी है और फैले स्मॉग की वजह से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. दिल्ली में एक्यूआई लगातार 400 के आस-पास बना हुआ है. स्‍कूलों को ऑनलाइन कर दिया गया है। यहां तक कि सरकार अब वर्क फ्रॉम होम के बारे में सोच रही है। वहीं नासा प्रदूषण के वास्‍तिक स्‍तर को रिकॉर्ड नहीं कर पा रहा है। जबकि प्रदूषण लगातार बढता जा रहा है।

पंजाब और हरियाणा में बड़ी संख्‍या में किसान पराली जला रहे हैं, जिसके कारण देश की राजधानी गैस चैंबर में तब्‍दील हो गई है। लेकिन नासा के आंकड़े दिखा रहे हैं कि पिछले सालों की तुलना में हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं, फिर प्रदूषण का स्‍तर क्‍यों नहीं घटा?

नासा के वैज्ञानिकों का शक है कि पंजाब और हरियाणा के किसान सेटेलाइट को चकमा दे रहे हैं। इन राज्‍यों में पराली जल रही है, लेकिन सेटेलाइट में पकड़ में नहीं आ रही है। सेटेलाइट की नजर से बचने के लिए किसान पराली जलाने के लिए सटीक समय का इंतजार करते हैं। बताया जा रहा है कि नासा की सैटेलाइट पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी और दिल्ली समेत भारत के ज्यादातर राज्यों पर नजर रखती हैं। इस सेटेलाइट में ये पकड़ में आ जाता है कि कहां-कहां पराली जलाई जा रही है। लेकिन नासा के वैज्ञानिकों का शक है कि पंजाब और हरियाणा के किसान सेटेलाइट को चकमा दे रहे हैं।

पंजाब और हरियाणा के किसानों को ये टाइमिंग पता चल गई

सूत्रों की माने तो उनका कहना है कि नासा की सैटेलाइट पंजाब और हरियाणा के ऊपर से लगभग दोपहर 1 बजकर 30 मिनट के आसपास गुजरती है। नासा के वैज्ञानकिों का अनुमान है कि पंजाब और हरियाणा के किसानों को ये टाइमिंग पता चल गई है। अब ज्यादातर किसान अपने खेत में पराली डेढ़ बजे के बाद जला रहे हैं। जिससे ये सैटेलाइट की पकड़ से बच जा रहे हैं। पराली की आग कुछ घंटों में ही बुझ जाती है। ऐसे में दोबारा इन जगहों से सैटेलाइट के गुजरने से एरिया साफ नजर आता है।

दक्षिण कोरिया ने नासा के दावे पर मुहर लगा दी है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार कोरियाई वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पंजाब और हरियाणा के किसान दोपहर के बाद ही पराली जला रहे हैं। दक्षिण कोरिया की एक सेटेलाइट हर 10 मिनट में इन शहरों के ऊपर से गुजरती है। इस सेटेलाइट के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा और पंजाब में दोपहर के बाद पराली जलाई जा रही हैं।

पराली जलाने के कारण उत्तर भारत में मेडिकल इमरजेंसी जैसी स्थिति

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को कहा कि पराली जलाने की वजह से वायु गुणवत्ता के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण उत्तर भारत चिकित्सकीय आपात स्थिति का सामना कर रहा है। आतिशी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार प्रदूषण के मुद्दे पर राजनीति कर रही है लेकिन उसने हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इन सभी राज्यों में भाजपा की सरकार है।

उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) शासित पंजाब की सराहना करते हुए कहा कि यह एकमात्र राज्य है जहां पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासित राज्यों में पराली जलाने के मामले बढ़ गए हैं। आतिशी ने कहा कि दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता के कारण बुजुर्गों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है और बच्चों को सांस लेने के लिए ‘इन्हेलर’ और ‘स्टेरॉयड’ की जरूरत पड़ रही है।

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