भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं ने महत्वपूर्ण संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरु किया

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नई दिल्ली : भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं ने सोमवार 30 अक्टूबर से महत्वपूर्ण संयुक्त सैन्य अभ्यासशुरु किया (Started) । इस सैन्य अभ्यास में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशंस, छापेमारी, खोज और विनाश ऑपरेशन का अभ्यास शामिल है। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास कजाकिस्तान में हो रहा, इसमें भारतीय थल और वायु सेना दोनों ही शामिल हैं। भारतीय थलसेना और भारतीय वायु सेना की 120 सैन्‍य कर्मियों वाली टुकड़ी संयुक्त सैन्य ‘अभ्‍यास काज़िंड-2023’ के 7वें संस्करण में भाग लेने के लिए कजाकिस्तान में है। इस सैन्य अभ्यास का आयोजन 30 अक्टूबर से 11 नवंबर 2023 तक कतर, कजाकिस्तान में किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय सेना के दल में डोगरा रेजिमेंट की एक बटालियन के नेतृत्व में 90 सैन्‍य कर्मी हैं। कजाकिस्तान के सैन्‍य दल का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से कजाख ग्राउंड फोर्सेज के दक्षिण क्षेत्रीय कमान के सैन्‍य कर्मियों द्वारा किया जाता है। इस सैन्‍य अभ्यास के वर्तमान संस्करण में सेना की टुकड़ियों के साथ दोनों पक्षों से वायु सेना के 30 सैन्‍य कर्मी भी भाग ले रहे हैं। भारत और कजाकिस्तान के बीच संयुक्त अभ्यास को वर्ष 2016 में ‘एक्सरसाइज प्रबल दोस्‍तीक’ के रूप में शुरू किया गया था। दूसरे संस्करण के बाद, अभ्यास को कंपनी-स्तरीय अभ्यास में अपग्रेड किया गया और इसका नाम बदलकर ‘एक्सरसाइज काज़िंड’ कर दिया गया।

इस वर्ष वायु सेना को शामिल करके अभ्यास को द्वि-सेवा अभ्यास के रूप में अपग्रेड किया गया है। अभ्यास के इस संस्करण में, दोनों सैन्‍य पक्ष संयुक्त राष्ट्र के अधिदेश के अंतर्गत उप-औपचारिक वातावरण में आतंकवाद विरोधी अभियानों के संचालन का अभ्यास कर रहे हैं। ये टुकड़ियां संयुक्त रूप से विभिन्न सामरिक अभ्यासों का अभ्यास करेंगी, जिसमें छापेमारी, खोज और विनाश संचालन, छोटी टीम प्रविष्टि और निष्कर्षण संचालन आदि शामिल हैं। अभ्यास के कार्यक्षेत्र में काउंटर मानव रहित हवाई प्रणाली संचालन भी शामिल है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ‘एक्सरसाइज काज़िंड-2023’ दोनों सैन्‍य पक्षों को एक-दूसरे की रणनीति, युद्ध अभ्यास और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्‍त करने का अवसर प्रदान करेगा, जो संयुक्त राष्ट्र कार्यक्षेत्र के अंतर्गत कार्य संचालन के लिए जरूरी है। इस संयुक्त प्रशिक्षण से अर्ध-शहरी और शहरी परिस्थितियों में संयुक्त सैन्य अभियान के संचालन के लिए अपेक्षित कौशल, लचीलापन और समन्वय को विकसित करेगा।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक दोनों सैन्य पक्षों को युद्ध कौशल के व्यापक स्पेक्ट्रम पर अभ्यास करने और एक-दूसरे से पारस्परिक रूप से सीखने का अवसर प्राप्‍त होगा। यह अभ्यास प्रतिभागियों को विचारों का आदान-प्रदान करने और सर्वश्रेष्‍ठ अभ्‍यासों को साझा करने का अवसर प्रदान करेगा। ‘एक्सरसाइज काज़िंड-2023’ दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को और अधिक प्रबल करेगा।

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