रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने 16 अप्रैल को बेंगलुरु रेलवे डिवीजन में मलूर और त्याकल के बीच गुजरने वाली ट्रेनों पर पत्थर फेंकने के आरोप में एक 36 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया। पकड़ा गया आरोपी अभिजीत अग्रवाल मानसिक रूप से बीमार बताया जा रहा है। पुलिस पूछताछ में उसने दलील दी कि उसने ऐसा भगवान के आदेश पर किया, क्योंकि ऐसा करने से भगवान उसके लिए भरपेट भोजन की व्यवस्था करते हैं।
बीते 16 अप्रैल को बेंगलुरु रेलवे डिविजन में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी करने के आरोप में आरपीएफ ने अभिजीत अग्रवाल नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया। रेलवे अधिनियम की धारा 153 और 147 के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया और मलूर में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया।
आरपीएफ के इंस्पेक्टर एसके थापा ने द एनआईई को बताया, ” रविवार दोपहर 3:45 पर मेरी टीम और मैं, सादे कपड़ों में, रेलवे पटरियों पर गश्त कर रहे थे। तभी हमने शख्स को पटरियों से पत्थरों का एक गुच्छा उठाते हुए देखा। वह गुजरने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर फेंकने के लिए तैयार खड़ा था।”
उन्होंने आगे कहा, “वंदे भारत समेत दो अन्य ट्रेनें कुछ ही देर में गुजरने वाली थीं। हमने उससे पहले ही उसे पकड़ लिया।” उसने कबूल लिया है कि मैसूर-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस पर उसी ने पत्थर फेंका था। चूंकि पत्थर केवल ट्रेन के शरीर के हिस्से पर लगा, इसलिए कोई क्षति नहीं हुई।
एसके थापा के मुताबिक, वह व्यक्ति उदास दिखाई दे रहा था। उसने बताया कि वह रेलवे ट्रैक या स्टेशनों पर ही खाता और सोता है। उसने जोर देकर कहा कि भगवान ने उसे ट्रेनों पर पत्थर फेंकने का आदेश दिया है और इससे उसे भोजन मिलेगा।
आरपीएफ के वरिष्ठ संभागीय सुरक्षा आयुक्त देवांशु शुक्ला ने बताया कि वह व्यक्ति नियमित पत्थरबाज प्रतीत होता है। “बेंगलुरू मंडल में पथराव की घटनाओं में वृद्धि के कारण, हमने अपनी तीन पारियों को घटाकर दो कर दिया है। पुलिस को सतर्कता बनाए रखने के लिए प्रत्येक पाली में लगभग 100 के साथ 12-घंटे की शिफ्ट सौंपी गई है। इससे हमें उसे पकड़ने में मदद मिली।”