जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू, चुनाव चिन्ह मांगने वाले दलों से आवेदन स्वीकार करने का लिया फैसला
नईदिल्ली: लोकसभा चुनाव के बाद अब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. इसके संकेत देते हुए शुक्रवार को चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है. आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव चिन्ह के आवंटन के लिए पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों से आवेदन लेने का फैसला किया है. हाल ही में सीईसी राजीव कुमार ने साफ किया था कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मद्देनजर इस साल अक्टूबर तक आयोग को केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि चुनाव चिन्ह (सुरक्षित अधिकार एवं आवंटन) आदेश, के तहत कोई भी पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टी सदन का कार्यकाल समाप्त होने से छह महीने पहले चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन कर सकता है. जम्मू-कश्मीर में फिलहाल विधानसभा भंग है. इसलिए आयोग ने एक बयान जारी कर चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं.
ऐसे दलों को चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन करना होता है
अधिकारी ने बताया कि मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के पास अपने चुनाव चिन्ह होते हैं. इसलिए पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों को उम्मीदवार उतारने के लिए चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन करना पड़ता है. लोकसभा चुनाव-2024 में अमित शाह ने भी कहा था, संसद में कह चुका हूं कि हम विधानसभा चुनाव के बाद राज्य का दर्जा देंगे.
कोर्ट की समय सीमा से पहले प्रक्रिया पूरी कर लेंगे: अमित शाह
उन्होंने कहा था कि एक बार विधानसभा चुनाव हो जाने के बाद, सरकार राज्य का दर्जा बहाल करने का काम शुरू करेगी.परिसीमन प्रक्रिया पूरी हो गई है. इसके बाद ही आरक्षण दिया जा सकता है. हमें (आरक्षण देने के लिए) सभी जातियों की स्थिति के बारे में जानना होगा. हम सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा से पहले प्रक्रिया पूरी कर लेंगे.