नई दिल्ली। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद कांग्रेस और भाजपा में राजनीतिक बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस के नेता जहां देश की इस उपलब्धि का श्रेय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को देते हुए उनके साइंटिफिक टेम्पर को याद कर रहे हैं तो वहीं भाजपा चंद्रयान मिशन की कामयाबी का श्रेय अपने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को को देते हुए यह कह रही है कि चंद्रयान मिशन का सपना भाजपा के प्रधानमंत्री ने देखा था।
भाजपा ने कहा है कि यूपीए सरकार ने तो इस परियोजना को फंड तक नहीं दिया था। कांग्रेस नेहरू के साइंटिफिक टेम्पर के बारे में मिथक बनाने का प्रयास कर रही है, उन्हें नेहरू का गीत गाना बंद कर देना चाहिए। भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने एक्स पर कहा, “15 अगस्त 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्रमा मिशन चंद्रयान-1 की घोषणा की, जो वादे के अनुसार 2008 में पूरा हुआ। कांग्रेस ने अपने पैर पीछे खींच लिए और 2014 तक चंद्रयान-2 पर कोई प्रगति नहीं की। फिर वे बाहर हो गए। 2014 के बाद, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने चंद्रमा मिशन को फास्ट ट्रैक पर रखा। चंद्रयान -2 को फंड किया और चंद्रयान -3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा। भारत द्वारा लॉन्च किए गए सभी चंद्रमा मिशनों की कल्पना भाजपा प्रधानमंत्रियों के तहत की गई थी।” मालवीय ने आरोप लगाया कि, इन सभी वर्षों में कांग्रेस गांधी परिवार के इर्द-गिर्द घूम कर उन्हें प्रमोट करने में ही लगी हुई थी। इसमें नेहरू के गैर-मौजूद वैज्ञानिक स्वभाव के बारे में मिथक बनाना भी शामिल है।
मालवीय ने अपने एक और एक्स में कांग्रेस पर राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को फंड नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा, “बहुत पहले नहीं, अक्टूबर 2013 में, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी, तब भी इसरो अपने दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान -2 के लिए एक लैंडर और एक रोवर विकसित करने के लिए अधिक धनराशि के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहा था। 2014 में भारत ने प्रधानमंत्री मोदी को चुना। अंतरिक्ष अनुसंधान का बजट 2013-14 के 5,615 करोड़ से 123 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में 12,543 करोड़ हो गया। भारत ने 2014 के बाद 389 अंतर्राष्ट्रीय उपग्रह लॉन्च किए। इससे पहले के सभी वर्षों में इसने केवल 35 लॉन्च किए थे। इन अंतर्राष्ट्रीय लॉन्चों से 2014 के बाद भारत को 157 मिलियन अमेरिकी डालर (कुल कमाई 174 मिलियन अमेरिकी डालर) और 223 मिलियन यूरो (कुल: 256 मिलियन यूरो) प्राप्त हुए। कुल मिलाकर 3,300 करोड़ रुपये के लगभग प्राप्त हुए।
2019 में चंद्रयान-2 को स्थापित करने के असफल प्रयास के बाद, भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को भी उतारा। ऐसा करने वाला वह एकमात्र देश है। हमने हार नहीं मानी। इसलिए विपक्ष और विशेष रूप से कांग्रेस को नेहरू के गीत गाना बंद करना चाहिए और राष्ट्रीय महत्व की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का समर्थन करने में अपने खराब ट्रैक रिकॉर्ड को देखना चाहिए।”