प्रयागराज. अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या में शामिल लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज) को हथियार किस सोर्स के जरिये मिले थे, यह पुलिस ने पता कर लिया है. यूपी पुलिस के सूत्रों ने रविवार को बताया कि घटना में इस्तेमाल जीगाना मेड पिस्टल और .32 बोर पिस्टल कहां से आई, पुलिस ने इसकी जानकारी हासिल कर ली है. हालांकि, उसके बारे में अभी खुलासा नहीं किया जा रहा है. अब तक की तफ्तीश के मुताबिक किसी भी माफिया या गैंगस्टर या बाहुबली के इशारे पर ये शूटआउट नहीं करवाया गया है, बल्कि तीनों हमलावरों ने खुद ही इस घटना को अंजाम दिया है.
पुलिस ने तीनों हमलावरों के मौका-ए-वारदात तक आने का पूरा रूट पता कर लिया है. वे कैसे जिले में दाखिल हुए और कब-कहां से चले थे. पुलिस ने सारी जानकारी हासिल कर ली है. ये भी पता चला है कि तीनों हमलावर एक-दूसरे को पहले से जानते हैं और बाकायदा प्लानिंग कर एक साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे. सूत्रों के मुताबिक, सनी और लवलेश की मुलाकात बांदा जेल में हुई थी, बाद में दोनों में दोस्ती हो गई, जबकि सनी और अरुण पहले से दोस्त थे और सनी ने ही लवलेश की अरुण से दोस्ती कराई थी.
गौरतलब है कि अतीक (60) और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सकीय जांच के लिए प्रयागराज मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी. इस दोहरे हत्याकांड का एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है, जिसमें तीन हमलावर दोनों भाइयों को गोली मारते नजर आ रहे हैं और गोली लगते ही दोनों भाई जमीन पर गिर जाते हैं. गोलियों से छलनी दोनों के शवों को घटनास्थल से ले जाया गया. इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद से इलाके में तनाव है.
पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने शनिवार देर रात बताया था, “अभी यह प्राथमिक जानकारी है. दोनों (अतीक-अशरफ) को आवश्यक चिकित्सकीय जांच के लिए यहां लाया गया था. मीडियाकर्मी ‘बाइट’ ले रहे थे. प्राथमिक जानकारी के अनुसार, तीन लोग मीडियाकर्मी बनकर आए और उन्होंने ‘बाइट’ लेने का प्रयास किया. इसी दौरान उन्होंने गोलीबारी कर दी.” आयुक्त ने कहा, ‘अतीक और अशरफ की हमले में मौत हो गई. इसके अलावा, लखनऊ के एक पत्रकार को चोट आई है. वहीं, हमारे एक आरक्षी मान सिंह को गोली लगी है.’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की उच्च स्तरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन के निर्देश दिए हैं. वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. अतीक और अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया गया था.