नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा के चुनाव में निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी ने आम आदमी पार्टी की लाज बचा ली है। मामूली अंतर से जीत मिली है। आतिशी मात्र 689 वोटों के अंतर से जीती है। वहीं दूसरे नंबर पर भाजपा के रमेश विधूड़ी रहे। तीसरे नंबर कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा रहीं। दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की करारी हार हुई है। भाजपा ने 27 साल बाद दिल्ली में वापसी की।
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के बड़े-बड़े सूरमा चुनाव हार गए। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भरद्वाज के अलावा अवध ओझा को हार को करारी हार का सामना करना पड़ा है। रमेश विधूड़ी भले ही मामूली वोटों से हारे हैं, लेकिन उनके राजनीतिक करियर के लिए यह बड़ा झटका है। पहले भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया। अब वह दिल्ली में विधानसभा का चुनाव भी हार गए हैं। चुनाव के दौरान उनकी विवादित टिप्पणियों भाजपा तक को परेशानी में डाल दिया था।
आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि दिल्ली में बीते 5 फरवरी को 70 विधानसभा सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान हुए थे। इस बार के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की सभी दलों ने लोकलुभावन वादें किए हैं। इस बार सभी पार्टियों के घोषणा पत्र लगभग एक जैसे ही हैं। ध्यान देने वली बात यह है कि दिल्ली की सत्ता में कांग्रेस को हराकर आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी।
कैसे बनी थी दिल्ली में केजरीवाल की सरकार
2013 में अन्ना आंदोलन से निकली आप ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर प्रचार किया। इसके बाद दिल्ली में कांग्रेस खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे और कांग्रेस की सरकार दिल्ली की सत्ता से बाहर हो गई। अब एक बार कुछ ऐसी ही परिस्थितियां अरविंद केजरीवाल के सामने आ खड़ी हुई है। इनके कई नेता के ऊपर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पार्टी के कई नेता कथित शराब घोटाले मामले में जेल जा चुके हैं। सभी जमानत पर बाहर हैं। ऐसे उनके लिए इस बार सत्ता की राह कठिन दिखती नजर आ रही है।