मथुरा: भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह जमीनी विवाद में एक बड़ा और अहम साक्ष्य सामने आया है. इस सबूत में बताया गया है कि मुगल शासक औरंगजेब ने मथुरा में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. दरअसल इसका खुलासा आरटीआई के द्वारा मांगी गई जानकारी में आगरा के पुरातत्व विभाग के द्वारा किया गया है. पुरातत्व विभाग की पुष्टि के बाद अब श्री कृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार और कृष्ण जन्मभूमि के वादी एडवोकेट महेंद्र प्रताप के द्वारा इस अहम साक्ष्य को 22 फरवरी को हाई कोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे.
महेंद्र प्रताप ने बताया कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले में अब आगरा के पुरातत्व विभाग कार्यालय की तरफ से मुहैया कराई गई यह जानकारी सबसे बड़ा साक्ष्य होगा. मथुरा में उस समय देश के आतंकी शासक औरंगजेब ने प्राचीन मंदिर भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि के स्थित जन्म स्थान पर केशव देव का मंदिर तोड़ दिया था. इसके बाद उसी स्थान पर मस्जिद का निर्माण कराया था. औरंगजेब की बनाई मस्जिद के स्थान पर ही शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया गया है. ये जानकारी आगरा स्थित पुरातत्व विभाग कार्यालय की तरफ से मुहैया कराए अभिलेख में यह जानकारी दी गई है.
आरटीआई में दी गई जानकारी के अनुसार अंग्रेजों के शासन के दौरान 1920 में इलाहाबाद से प्रकाशित गजट में यूपी के भिन्न जिलों के 39 स्मारकों की सूची है. इसमें 37 नंबर पर कटरा केशवदेव भूमि पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि का उल्लेख है. इस जानकारी के सामने आने के बाद पूरे मामले को अब अहम सबूत के तौर पर देख रहे हैं. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा यह अभिलेख अब वो अगली तारीख में हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे.
मैनपुरी के अजय प्रताप सिंह ने मंदिर के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी. कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप कहते हैं कि अब जो आगे एएसआई का सर्वे अगर है तो उसमें ये बड़ा सबूत हमारे लिए साबित होगा क्योंकि पुरातत्व विभाग के अधिकारियों द्वारा खुद ये सूचना दी गई है.