नई दिल्ली: हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्यौहार (festival of rakshabandhan) बहुत ही पवित्र माना जाता है. इस शुभ दिन को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और फिर उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. इसके बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं, इसलिए इस दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है. आपको बता दें कि हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाया जाता है. इस बार यह तिथि 11 अगस्त 2022 गुरुवार के दिन पड़ रही है. शास्त्रों के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन रवि योग में पड़ रहा है, जिसके कारण यह त्यौहार और भी खास बन गया है.
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त (Auspicious time of raksha bandhan)
शास्त्रों के मुताबिक, 11 अगस्त के दिन रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी शुक्रवार 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. इस बीच बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी को बांध सकती हैं. इसके अलावा रक्षाबंधन के दिन सुबह 05 बजकर 48 मिनट से लेकर 6 बजकर 53 मिनट तक रवि योग बना रहेगा और फिर शाम के समय यानी 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक अमृत योग भी बन रहा है.
रक्षा बंधन का इतिहास (History of raksha bandhan)
वैसे तो रक्षा बंधन को लेकर कई धार्मिक कथाएं हैं, लेकिन इनमें से एक सबसे प्रचलित कथा है कि जब भगवान श्री कृष्ण ने शिशुपाल का वध किया, तो उनकी बाएं हाथ की अंगुली से खून बहने लगा था. उनके बहते खून को देखकर द्रौपदी बहुत निराश हुईं. तभी द्रोपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर श्री कृष्ण की अंगुली पर बांध दिया, तब से लेकर अब तक यह मान्यता चली आ रही है कि इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं.