लखनऊ : नई अयोध्या धार्मिक व आध्यात्मिक पहचान के साथ आधुनिक व स्मार्ट हो रही है। यह न सिर्फ पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित हो रही है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शहर का सपना भी बुन रही है। पौराणिक मंदिरों व कुंडों का पुनरुद्धार हो रहा है, तो चौड़ी सड़कें, फ्लाईओवर और अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा शहर को बदलती अयोध्या की पहचान दे रहे हैं।
पर्यटक बढ़े हैं, तो पांच सितारा-तीन सितारा होटल आ रहे हैं। प्रशासन के पास सौ से ज्यादा आवेदन आए हैं। अयोध्या परंपरा व आधुनिकता के तालमेल से निखारी जा रही है। स्मार्ट सिटी, सेफ सिटी, सोलर सिटी,ग्रीन फील्ड टाउनशिप जैसी तमाम योजनाएं आकार ले रही हैं। विजन-2047 के तहत 31 हजार करोड़ के विकास कार्य होने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीएम योगी आदित्यनाथ तक की सीधी नजर है।
अयोध्या में 100 वर्ष से अधिक पुराने मंदिरों का पुनरुद्धार हो रहा है। पहले चरण में, 37 मंदिरों का कायाकल्प हो रहा है। भवनों के पुनरुद्धार में चूना-सुर्खी का प्रयोग किया जा रहा है। पुराणों में उल्लिखित 30 कुंड भी विकसित किए जा रहे हैं। आध्यात्मिक पहचान के साथ राम पथ, भक्ति पथ, धर्म पथ, श्रीरामजन्मभूमि पथ बनाकर पर्यटकों की सहूलियतों का विस्तार हो रहा है।
4,403 करोड़ रुपये की लागत से 147 किलोमीटर लंबा राम वन गमन पथ बन रहा है, तो 84 कोस परिक्रमा मार्ग का विकास भी तेजी से चल रहा है। 1,407 एकड़ में ग्रीनफील्ड टाउनशिप विकसित की जा रही है, जो निवेशकों और नई अयोध्या में बसने के इच्छुक लोगों को आकर्षित कर रही है। इस टाउनशिप पर 2,182 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।
अयोध्या के डीएम नितीश कुमार ने बताया, विकास कार्य तय समय में पूरे होंगे। यह देश की पहली सोलर सिटी होगी। तकनीक के इस्तेमाल से हर स्थान की मैपिंग करा रहे हैं। श्रद्धालु व पर्यटक घर बैठे रास्तों, भवनों व स्थानों की जानकारी पा सकेंगे।
कुमार ने बताया, हाईस्पीड ट्रेनों का संचालन और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से उड़ान शुरू हो गई है। इससे अयोध्या की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी। स्थानीय निवासियों, कारोबारियों की आय भी बढ़ेगी। होटल, टैक्सी और स्टे होम जैसे कारोबार बढ़ रहे हैं। कोशिश है कि यहां हर व्यक्ति आत्मनिर्भर और सक्षम बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप अयोध्या विश्व की सर्वोत्तम नगरी के रूप में विकसित की जा रही है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद दिव्य-भव्य मंदिर में रामलला विराजमान होने जा रहे हैं। पावन नगरी अयोध्या ऐसे धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित हो रही है, जहां से संपूर्ण मानवता एवं विश्व को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के आदर्शों से प्रेरणा मिलेगी। विकास का अनूठा कीर्तिमान भी स्थापित होगा। करीब 31 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। नई महायोजना के तहत अयोध्या में 10 वर्षों में 85 हजार करोड़ रुपये के काम हो सकेंगे। यह नगरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाएगी।