अयोध्या: प्राण प्रतिष्ठा से रामलला के दरबार में चल रहे मंडपोत्सव कार्यक्रम का रविवार को समापन हो गया। अंतिम दिन सुबह रामलला की पालकी यात्रा निकाली गई। उसके बाद पूजन-अर्चन किया गया। गर्भगृह में ही रामलला के रजत विग्रह का विभिन्न औषधीय रसायन व पंचामृत से युक्त 1108 कलशों से रामलला का अभिषेक किया गया। इसके साथ ही रामलला को 56 व्यंजनों का भोग भी लगाया गया।
राम मंदिर के भव्य उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान को संपन्न कर कलश स्थापना के साथ मंडपोत्सव कार्यक्रम शुरु हुआ था। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य जगद्गुगुरु विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य के नेतृत्व में इसकी शुरुआत हुई थी। 48 दिवसीय इस अनुष्ठान में देश के विभिन्न क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले उद्योगपति और समाज सेवक शामिल हुए। मंडलोत्सव के संयोजक जगद्गुरु विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य ने बताया कि हर दिन अनेक प्रकार के आयोजन होते रहे। विभिन्न तरह के यज्ञ अनुष्ठान हुए। वेदों का पाठ किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम नृत्य और गायन की प्रस्तुति हुई।
राम मंदिर की भव्यता को बढ़ाने का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। भूतल में रामलला को प्रतिष्ठित करने के बाद अब प्रथम तल पर राम दरबार के लिए गर्भगृह नवंबर तक बनाने का निर्णय लिया गया है। मंदिर निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन रविवार को निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राम मंदिर निर्माण चल रहा है। बैठक में निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। निर्माण कार्य करने की जो समय सारिणी बनाई गई है। उसके अनुसार ही परिणाम आएंगे। मंदिर का प्रथम व द्वितीय तल का निर्माण पूरा करने का कार्य चल रहा है। विशेष रूप से प्रथम तल, जहां राजाराम का दरबार होगा। वह नवंबर तक पूर्ण हो जाएगा। कार्यदायी संस्था एलएंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर विनोद मेहता ने बताया कि अधूरे निर्माण का कार्य चल रहा है।