Baba Bulldozer : रामलीला मैदान पर एक दशक से है अवैध अतिक्रमण, बाबा का बुलडोजर चलने का इंतजार
Baba Bulldozer : उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के बरहज तहसील क्षेत्र में राप्ती तट पर बसे कपरवार गांव स्थित रामजानकी मार्ग के निकट रामलीला मैदान पर करीब एक दशक से कुछ लोगों ने अवैध अतिक्रमण कर रखा है। पूर्व में ग्रामीणों की शिकायत पर आलाधिकारियों ने अतिक्रमण को संज्ञान में लिया, लेकिन किन्हीं कारणों से आज भी अवैध कब्जा ज्यों का त्यों बना हुआ है। ग्रामीणों को अवैध कब्जे पर बाबा का बुलडोजर चलने का इंतजार है।
आजादी से पूर्व कपरवार गांव स्थित ठाकुर मंदिर परिसर में पवहारी महाराज के सानिध्य में पूजा-पाठ, यज्ञ आदि के साथ प्रत्येक वर्ष रामलीला का मंचन किया जाता था। सन् 1978 में गांव के लोगों के पहल पर तत्कालीन प्रधान रामबली सिंह की ओर से करीब तीन एकड़ भूमि रामलीला मैदान के नाम से प्रस्ताव किया गया था। प्रत्येक वर्ष जिस पर गांव के और बाद में बाहरी पात्रों द्वारा रामलीला का मंचन किया जाता था। 90 वर्षीय इंद्रदेव पांडेय का कहना है कि शुरुआती दौर में पिता स्व.लोचन पांडेय, पूजन दूबे, पवहारी तिवारी, जबकि विंध्याचल सिंह, रामलखन सिंह, रामबली सिंह, खेलावन सिंह, गौरीशंकर सिह, मुनेश्वर श्रीवास्तव, ठग प्रसाद, मिठाई साहनी आदि के सहयोग से रामलीला का मंचन किया जाता था। लेकिन पिछले करीब एक दशक से रामलीला मैदान पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा जमा लिया है। अतिक्रमण के कारण पिछले कुछ वर्षों से प्रभु के लीला मंचन को ग्रहण लग गया है। ग्रामीणों के अनुसार समय-समय पर अवैध कब्जाधारकों के खिलाफ आवाज उठाया गया। प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं किया जा सका। पूर्व में तत्कालीन एसडीएम अरुण सिंह ने शिकायत पर अवैध कब्जा खाली कराने गए थे। लेकिन किन्हीं कारणों से बैरंग लौटना पड़ा। रामलीला मैदान पर अवैध अतिक्रमण को लेकर आज भी बाबा के बुलडोजर (Baba Bulldozer )चलने का इंतजार है।
बोले ग्रामीण –
रामलीला आयोजन से ग्रामीणों को स्वस्थ मनोरंजन के साथ आध्यात्म को बल मिलता था। जिसे देखने के लिए दूर-दराज के लोगों की भीड़ जुटती थी। गांव में महामारी को रोकने के लिए रामलीला मंचन का शुरुआत किया गया था।
देवेश सिंह समाजसेवी
– रामलीला मैदान पर अवैध कब्जा होने के साथ-साथ लीला मंचन पूरी तरह बंद हो गया है। समय-समय पर अधिकारियों से शिकायत किया गया है।
रामायण गुप्त सामाजिक कार्यकर्ता
– अवैध कब्जा खाली न होने पर मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत किया जाएगा। कब्जा खाली होने तक प्रयास जारी रहेगा।
संत मांधाता सिंह
– रामलीला मैदान पर अवैध कब्जा नहीं हटा तो आमरण अनशन किया जाएगा। न्याय नहीं मिला तो जरुरत पड़ने पर आत्मदाह भी किया जा सकता है।- संत केशवानंद पुजारी, बादी बाबा कुटी
कोर्ट :
मामला संज्ञान में आया है। जल्द ही रामलीला मैदान को कब्जा मुक्त कराया जाएगा। जबकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गजेंद्र सिंह एसडीएम बरहज
Report – V Nation News