पतंजलि केस में सुप्रीम कोर्ट में बोले बाबा रामदेव ‘हम सार्वजनिक माफी मांगने को तैयार’

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में आज पतंजलि के विज्ञापन मामले में योग गुरु स्वामी रामदेव के माफीनामे पर सुनवाई हुई. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण भी सुप्रीम कोर्ट में मौजूद रहे. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण व्यक्तिगत तौर पर सुप्रीम कोर्ट माफी मांगी. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि पतंजलि की माफी अभी स्वीकार नहीं की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी रामदेव से पूछा कि आपने कहा था कि कुछ और भी दाखिल करना चाहते हैं, कुछ अतिरिक्त दाखिल किया गया ? इस पर रामदेव के लिए मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमने अभी कुछ फाइल नहीं किया है, लेकिन हम सार्वजनिक माफी मांगना चाहते हैं.’ रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के उल्लंघन के लिए अखबार में सार्वजनिक माफी प्रकाशित करने की पेशकश की.

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने उनकी माफी पर ध्यान दिया, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि उन्हें सिर्फ मांगने की वजह से राहत नहीं दी जाएगी। पीठ ने बालकृष्ण से बातचीत करते हुए कहा, ”आप अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन आप एलोपैथी को नीचा नहीं दिखा सकते।

बाबा रामदेव ने भी पीठ से बातचीत करते हुए कहा कि उनका किसी भी तरह से अदालत के प्रति अनादर दिखाने का कोई इरादा नहीं था। हालांकि, पीठ ने बालकृष्ण से कहा कि वे (पतंजलि) इतने निर्दोष नहीं हैं कि उन्हें नहीं पता कि शीर्ष अदालत ने मामले में अपने पहले के आदेशों में क्या कहा था।

इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव ने कहा था कि जो भी हमसे भूल हुई, उसके लिए हम बिना शर्त माफी मांगते हैं। इस पर जस्टिस कोहली ने कहा कि जो आप प्रचार कर रहे हैं उसके बारे में क्या सोचा है। हमारे देश में तमाम पद्धतियां हैं। लेकिन दूसरी दवाईयां खराब हैं, ये क्यों? इसपर रामदेव ने कहा कि हम अदालत से क्षमा मांगते हैं। हमने पांच हजार रिसर्च किए और आयुर्वेद को एविडेंस बेस्ड तौर पर प्रस्तुत किया है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बाबा और आचार्य बालकृष्ण से बातचीत की. जस्टिस कोहली ने स्वामी रामदेव से कहा कि आप मशहूर हैं. योग के क्षेत्र में आपने काफी काम किया है. आप बिजनेस भी करने लगे. तभी सुप्रीम कोर्ट के वीडियो का प्रसारण बाधित हो गया. तीन मिनट बाद सिर्फ ऑडियो आया. जस्टिस कोहली ने कहा कि ये बाधा सिर्फ संयोग है, हमारी ओर से कोई सेंशरशिप नहीं है.कोर्ट ने बाबा रामदेव से सीधा सवाल किया कि आपको माफी क्यों दी जाय?

स्वामी रामदेव ने कोर्ट से कहा, ‘मैं आगे से जागरूक रहूंगा, मैं जानता हूं कि करोड़ों लोग मुझसे जुड़े हुए हैं.’ कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, ‘आपने हमारे आदेश के बाद ये सब कुछ किया. आपको पता है कि लाइलाज बीमारियों का आप विज्ञापन नहीं कर सकते हैं. कानून सबके लिए समान है.’ इस पर स्वामी रामदेव ने कहा कि हमने बहुत टेस्ट किए हैं जिस पर जस्टिस कोहली ने उन्हें टोका और कहा कि आपकी तरफ से ये गैर जिम्मेदार रवैया है.

आचार्य बालकृष्ण ने कहा, ‘ये भूल अज्ञानता में हुई है, हमारे पास सबूत हैं.’ जस्टिस अमानुल्ला ने कहा कि आप एलोपैथी पे उंगुली नहीं उठा पाएंगे, ये सही नहीं है. इस पर स्वामी रामदेव ने कहा,’हमने उत्साह में आकर ये कर दिया है. हम आगे सजग रहेंगे. हम एलोपैथी के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे.’

जस्टिस कोहली ने कहा, ‘इतने इनोसेंस कोर्ट में नहीं चलते हैं कि आज आप माफी मांग रहे हैं, ऐसा नहीं चलता है.’ इस पर स्वामी रामदेव ने कहा कि इस तरह की गलती दोबारा नहीं होनी चाहिए. इसके बाद जस्टिस कोहली ने कहा कि आपका पिछला इतिहास खराब है, हम इस पर विचार करेंगे कि आपकी माफी स्वीकार की जाए या नहीं. आपने लगातार उल्लंघन किया हैं. वहीं जस्टिस अमानुल्ला ने कहा कि आप दिल से माफी नहीं मांग रहे हैं. यह ठीक नहीं है.

रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के उल्लंघन के लिए अखबार में सार्वजनिक माफी प्रकाशित करने की पेशकश की. सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों को सुनवाई की अगली तारीख यानि 23 अप्रैल को उपस्थित रहने को कहा.

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