नई दिल्ली : बांग्लादेश ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा (Visa) पर लगे प्रतिबंधों में छूट दे दी है. खासतौर से सिक्योरिटी क्लियरेंस की छूट. इससे बांग्लादेश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंट्स की आवाजाही और ज्यादा बढ़ जाएगी. यानी ISI. रक्षा एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसकी वजह से बांग्लादेश एक समय बाद पाकिस्तान की मुट्ठी में आ जाएगा. जो कि भारत के लिए खतरनाक साबित होगा. इससे भारत की सुरक्षा को खतरा होगा.
रक्षा एक्सपर्ट रिटायर्ड कर्नल अजय रैना कहते हैं कि ये बात तो पुख्ता हो चुकी है कि बांग्लादेश की सत्ता में बदलाव अमेरिकी डीप स्टेट ने पाकिस्तानी ISI के जरिए कराई है. बांग्लादेश की पिछली पीएम की सरकार में जो आतंकी जेल में बंद थे, अब वो आजाद है. सिर्फ आजाद ही नहीं बल्कि सरकार चलाने वाली मशीनरी का हिस्सा हैं.
कर्नल रैना कहते हैं कि ये कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी जब कुछ समय बाद बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान बन जाएगा. जैसे पहले थे. फिर ये दोनों मिलकर भारत के खिलाफ साजिशें रचेंगे. नुकसान पहुंचाएंगे. आतंकी हमले. ड्रग्स की स्मगलिंग और घुसपैठ जैसे कारनामे ज्यादा तेज हो जाएंगे.
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान समर्थित कट्टरपंथी संगठन जमात सिलहेट में आ चुके हैं. स्थापित हो चुके हैं. खासतौर से अंबरखाना इलाके में. यहीं पर ये भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों यानी नॉर्थ-ईस्ट इंडिया के राज्यों में घुसपैठ की प्लानिंग कर रहे हैं.
असम-मेघालय की सीमा बेहद संवेदनशील ब्राम्हनबरिया जिले से लगता है. ये गंगासागर के पास है. यहां पर भारत ने सिक्योरिटी टाइट कर दी है. लेकिन यहां पर सीमा पार गतिविधियां बढ़ी हुई दिख रही हैं. इंटेलिजेंस रिपोर्ट की माने तो इन इलाकों में कट्टरपंथी तत्वों का जमावड़ा तेज हो गया है.
बांग्लादेश की एडमिनिस्ट्रेटिव मशीनरी में काफी ज्यादा बदलाव हुए हैं. हिंदू और अवामी लीग की तरफ झुकाव रखने वाले ब्यूरोक्रेट्स को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. जमात से जुड़े अधिकारियों को लाया जा रहा है. बांग्लादेश की सरकारी ढांचे में आया भयानक वैचारिक बदलाव भारत के लिए चिंता का विषय है.
एक्सपर्ट्स की माने तो बांग्लादेश का वीजा नियमों में छूट देना भारत के लिए दोगुना खतरा है. ये पाकिस्तान-बांग्लादेश का एक नेक्सस दिखाता है. यानी बांग्लादेश को अब पाकिस्तान से ज्यादा इंटेलिजेंस रिपोर्ट मिलेंगी. भारत के खिलाफ ढेरों खुफिया जानकारियां. इससे इस्लामाबाद और ढाका के बीच सिक्योरिटी संबंध बेहतर होंगे.
उत्तर-पूर्वी राज्यों खासतौर से असम में घुसपैठ ज्यादा होगी. कट्टरपंथी तत्वों का जमावड़ा ज्यादा हो सकता है. समुदायों और संप्रदायों का ध्रुवीय विभाजन हो सकता है. आतंरिक अस्थिरता का माहौल पैदा किया जा सकता है. भारत की सिक्योरिटी एजेंसी अलर्ट हैं. लेकिन एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस्लामाबाद और ढाका के बीच बढ़ते संबंध भारत के लिए रणनीतिक तौर पर काफी खतरनाक साबित होंगे. अब भारत को कूटनीति, रणनीति, इंटेलिजेंस और मिलिट्री का संयुक्त और एकसाथ इस्तेमाल करना होगा.