नागपुर हिंसा में सामने आया बांग्लादेशी कनेक्शन, साइबर सेल ने 10 सोशल मीडिया अकाउंट पर दर्ज की FIR

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नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर भड़की हिंसा ने शहर में दहशत का माहौल बना दिया। इस हिंसा को भड़काने में सबसे अहम किरदार सोशल मीडिया को बताया जा रहा है। क्योंकि कम समय में इतने सारे लोगों को जमा करना सोशल मीडिया के जरिए मुमकिन है, जिसका इस्तेमाल किया गया। इस मामले में पुलिस ने साइबर सेल के जरिए कई सोशल मीडिया अकाउंट्स को छाना और भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की।

नागपुर हिंसा मामले में गुरुवार को यूपी के बाद बांग्लादेशी कनेक्शन भी देखा गया। नागपुर में साइबर सेल ने अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने के मामले में अब तक 34 सोशल मीडिया अकाउंट पर कारवाई कर दी है। इन मामलों में 10 सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ FIR दर्ज की गई हैं। इनमें से एक सोशल मीडिया पोस्ट बांग्लादेश का भी पाया गया। सोशल मीडिया पोस्ट पर एक यूजर ने धमकी देते हुए लिखा कि सोमवार के दंगे तो सिर्फ एक छोटी घटना थी और भविष्य में और बड़े दंगे होंगे।

अब तक 84 आरोपी गिरफ्तार
दूसरी ओर पुलिस ने अब तक इस मामले में नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान समेत अब तक 84 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार तक इन गिरफ्तारियों की संख्या 69 थी, जिसकी पुष्टी महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने की थी। आपको जानकारी दें कि इनमें आठ विश्व हिंदू परिषद (VHP) कार्यकर्ता भी शामिल हैं।

पुलिस ने मुख्य आरोपी फहीम खान सहित 19 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था, जहां कोर्ट ने आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजा दिया। नागपुर हिंसा में मास्टरमाइंड फहीम खान पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है।

57 धाराओं के तहत दर्ज किया गया मामला
चिटणीस पार्क में पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ करने वाले दंगाइयों के खिलाफ गणेशपेठ थाने में एक मामला दर्ज किया गया। एफआईआर में 5 नाबालिगों के साथ 51 आरोपियों के नाम दर्ज किए गए हैं। 500 से 600 अज्ञात आरोपी बताए गए हैं। इस एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की 46 धाराएं लगाई गई हैं।

इसके अलावा सावर्जनिक संपत्ति नुकसान प्रतिबंधक अधिनियम की 2, फौजदारी कानून की 1, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की 3, आर्म्स एक्ट की 2 और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की 2 धाराओं का समावेश है। दंगाइयों ने न सिर्फ तोड़फोड़ और आगजनी कर संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया बल्कि बंदोबस्त में तैनात दंगा नियंत्रण दल की महिला कांस्टेबल के साथ आपत्तिजनक हरकत की। महिला कर्मचारी पर अश्लील टिप्पणी करते हुए बदसलूकी की गई।

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