देवरिया | नौनिहालों की शिक्षा के लिए कृतसंकल्पित बेसिक शिक्षा विभाग: बी०ई०ओ०
देवरिया | यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के विकास खण्ड भलुअनी की है, जहां पर बागपत से स्थांतरित युवा एवं तेजतर्रार खण्ड शिक्षा अधिकारी सूरज कुमार की कार्यशैली की है।
सूरज कुमार जबसे विकासखण्ड का प्रभार संभाले हैं तबसे लगातार बुनियादी शिक्षा में परिवर्तन और समाज के वंचित व शोषित वर्गों के साथ-साथ ऐसा तबका जो शिक्षा से परे है उनके बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। अप्रैल माह की चिलचिलाती धूप में जहां एक तरफ अधिकारी अपने एसी कमरों से बाहर नहीं निकलते वहीं एक ऐसा भी अधिकारी जो ईंट-भट्ठों व मलिन बस्तियों व सड़को पर रहने वाले घुमंतू बस्तियों में जा-जाकर उनके अभिभावकों से संवाद करके उनके नौनिहालों को प्रवेश दिलाकर उन्हें ज्ञान के मंदिर से जोड़ने का काम किया। इन दिनों यह जब भी निरीक्षण पर जाते हैं तो सबसे पहले बच्चों से एमडीएम की गुणवत्ता के बारे में,उनकी मूलभूत आवश्यकताओं के बारे में पूछते हुए खुद एक शिक्षक की भांति बच्चों को पढ़ाने लगते हैं।
यह इसलिए भी आश्चर्यजनक है क्योंकि बीते सालों में बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसा अधिकारी नहीं पाया यही नहीं सूरज अंतर्विभागीय समन्वयन की भी नज़ीर पेश करते हुए कभी विद्यालयों में शौचालयों एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए पंचायतीराज विभाग से तो बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों के लिए स्वास्थ्य विभाग से तथा प्री-प्राईमरी एजूकेशन के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराते हैं।
यह तस्वीर विकासखण्ड के प्राथमिक विद्यालय टेकनपूरा की है जहां सूरज एक नौनिहाल को दुलारते हुए फर्श पर बैठकर उसे पढ़ाना सिखा रहे हैं।
आज आवश्यकता है ऐसे ही अधिकारियों की जो अपने कर्तव्यों के प्रति सत्यनिष्ठ होकर जनसमुदाय की आकांक्षाओं पर ख़रा उतरें।
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संवाददाता- पवन पाण्डेय, देवरिया |