नई दिल्ली. वॉट्सएप दुनिया के सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले ऐप में से एक है. इस इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप का यूज लोग पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल और ऑफिस वर्क के लिए भी करते हैं. इस पर यूजर्स की इतनी बड़ी संख्या और ज्यादा निर्भरता का फायदा साइबर क्रिमिनल्स भी उठा रहे हैं और फ्रॉड के लिए इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं. वॉट्सएप के जरिये अलग-अलग तरह से फ्रॉड के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसमें सबसे पॉपुलर तरीका है केबीसी में इनाम जीतने के नाम पर. हालांकि इसे लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी तो मामले कम हुए, लेकिन अब ठगों ने केबीसी के नाम पर नए तरीके से ठगना शुरू कर दिया है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसी से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी जिससे आप इस तरह की ठगी से बच सकते हैं.
इस फर्जीवाड़े की शुरुआत एक मैसेज से होती है जो आपको वॉट्सएप पर भेजा जाता है. साइबर क्रिमिनल्स आपको वॉट्सएप पर एक मैसेज भेजते है. इस मैसेज में दावा किया जाता है कि आपने केबीसी की तरफ से 25 लाख रुपये की लॉटरी जीत ली है. टाइप मैसेज के अलावा यही जानकारी एक वॉयस नोट के जरिये भी दी जाती है.साइबर क्रिमिनल्स लोगों को झांसे में लेने के लिए KBC के ऑडियो क्लिप और फोटो का इस्तेमाल करते हैं. केबीसी का लोगो और फोटो मैसेज में देखकर अधिकतर लोग उसे सही मैसेज मानकर ठगों के जाल में फंस जाते हैं. यहां आपको ये समझने की जरूरत है कि केबीसी कभी भी वॉट्सएप पर कोई क्विज नहीं चलाता और न ही कोई इनाम देता है.
एक बार जब आप ठगों के मैसेज को सच मानकर उनकी बातों में आ जाते हैं, उसके बाद ये लोग रुपये ठगने का काम शुरू करते हैं. ठग आपसे जीती हुई राशि ट्रांसफर करने से पहले टैक्स के रूप में कुछ रुपयों की डिमांड करते हैं. 25 लाख की राशि के लालच में लोग उनकी डिमांड मानकर रुपये भेज भी देते हैं. अगर आप इस तरह की ठगी से बचना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कुछ उपाय, आप इन्हें फॉलो करेंगे तो ऐसे ट्रैप में नहीं फंसेंगे. अगर आपके वॉट्सएप पर इस तरह का मैसेज आता है जिसमें केबीसी में इनाम जीतने की बात है तो उसे इग्नोर करें. मैसेज में दिए गए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें या न ही उसमें दिए किसी नंबर पर कॉल करें.
अगर गलती से आपने मैसेज पर भरोसा करके आगे की बातचीत शुरू भी कर दी है तो कोई बात नहीं, लेकिन आगे इनाम के लिए अगर कुछ रुपये मांगे जाएं तो न दें. हो सकता है कि बदमाश आपसे किसी भी तरह का कोई पैसा न मांगें. उसकी जगह वह रुपये ट्रांसफर करने के लिए बैंकिंग डिटेल्स भी मांग सकते हैं. गलती से भी अपनी निजी जानकारी या बैंकिंग से जुड़ी जानकारी शेयर न करें. इस तरह के ईमेल को भी पूरी तरह इग्नोर करें, किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें.