लखनऊ: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विधान मण्डल के संयुक्त सदन को संबोधित करने के अवसर पर सोमवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने स्वागत भाषण किया। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में राष्ट्रपति की राजनीतिक यात्रा और यूपी विधान सभा के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर आयोजित विशेष सत्र के दौरान संयुक्त सदन को संबोधित करने के लिए समय देने के लिए राष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त किया। कानपुर देहात के सामान्य गांव के सामान्य परिवार में जन्म लेने वाला व्यक्ति आज देश के राष्ट्रपति पद पर आसीन हैं। यह भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति की राजनीतिक यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि रामनाथ कोविंद एक अधिवक्ता, राजनीतिक कार्यकर्ता, राज्यसभा और राज्यपाल के रूप में कैसे कार्य किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजाद भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं। इतिहास के पन्न में आजादी के कुछ ऐसे भी नायक रहे हैं जिन्हें उचित स्थान नहीं मिल पाया लेकिन उनके योगदान को भूला नहीं जा सकता। आज देश आजादी का अमृत महात्सव मना रहा है। देश के सपनों को पूरा करने और आगे बढ़ने का यह महोत्सव हमें प्रेरणा देगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 25 वर्षों के लिए अमृत काल के रूप में निर्धारित किया है। देश हमारा लेकिन कानून अंग्रेजों का। पांच जनवरी 1887 को विधानमण्डल का गठन किया गया।
पहले विधान परिषद के बैठने का स्थान निर्धारित नहीं था। उप्र विधान सभा का गौरवशाली इतिहास रहा है। देश का शायद ही कोई विधानमण्डल होगा, जिसने तीन प्रधानमंत्री दिए होंगे। योगी ने उप्र में कोरोना प्रबंधन के बारे में भी विस्तार अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का संबोधन उप्र और विधान सभा के प्रत्येक सदस्य के लिए प्रेरणा देने वाला है।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने कहा कि संसदीय व्यवस्था में उप्र विधानमण्डल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यूपी विधान सभा ने उच्च आदर्श स्थापित किये हैं। स्व. पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह, चौधरी चरण और लाल बहादुर शास्त्र इस विधान सभा के सदस्य रहे हैं। यादव ने कहा कि राष्ट्रपति का उद्बोधन हम सब के लिए नयी ऊर्जा देने वाला होगा। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, उप्र विधान परिषद के सभापति कुंअर मानवेन्द्र सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे।