दशहरा से पहले यूपी सरकार ने शिक्षामित्रों और अंशकालिक अनुदेशकों को तोहफा दे दिया है। योगी सरकार ने सितम्बर महीने का मानदेय शुक्रवार को जारी कर दिया। स्कूल शिक्षा महानिदेशक एवं राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनन्द ने शिक्षा मित्रों के मानदेय के लिए 130 करोड़ 44 लाख 70 हजार रुपये अवमुक्त करने के आदेश दिए। साथ ही राज्य परियोजना निदेशक ने अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय के लिए भी प्रति अनुदेशक 9,000 रुपये की दर से 22 करोड़ 70 लाख 43 हजार रुपये अवमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया। दोनों संवर्ग के लिए किए गए अलग-अलग आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दोनों संवर्ग के उन्हीं कर्मियों को मानदेय का भुगतान किया जाएगा, जिन्हें वित्तीय वर्ष 2022-23 में मानदेय का भुगतान किया गया हो।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि बेसिक शिक्षा प्रमुख सचिव, सचिव और निदेशक से वार्ता हुई है। उन्होंने लिखित आश्वासन दिया है कि मांगों को लेकर जल्द ही शासन स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति नियमानुसार कार्यवाही करते हुए प्रस्ताव बना कर मुख्यमंत्री जी को सौंपेगी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने एक माह के भीतर निर्णय लेने का भरोसा दिया है। इसके बाद धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया।
शिव कुमार शुक्ला ने कहा कि प्रदेश भर में करीब 1.5 लाख शिक्षा मित्र बीते 23 वर्षों से निष्ठा पूर्वक गांव के गरीब व किसानों के बच्चों को शिक्षित करने में जुटे हैं। इसके बावजूद शिक्षा मित्रों मात्र 10 हजार का मानदेय दिया जा रहा है। वहीं भी वर्ष में केवल 11 महीने। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थित बहुत दयनीय हो चुकी है। आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार यादव ने कहा कि जनवरी को शिक्षा मित्रों के धरना-प्रदर्शन के बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा से हुई वार्ता में शिक्षा मित्रों को मूल विद्यालय वापसी, मृतक शिक्षा मित्रों के परिजनों को मुआवजा और शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ोत्तरी पर सहमति बनी थी। लेकिन 10 माह बीतने के बाद भी सरकार ने कोई आदेश जारी नहीं किया। जिससे सभी शिक्षामित्र निराश और हताश थे। धरने में गाजी इमाम आला, पुनीत चौधरी व श्याम लाल यादव समेत प्रदेश के सभी जिलों से आए शिक्षामित्र शामिल हुए।