नई दिल्ली : 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरूआत होने जा रही है। सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। नौ दिनों तक चलने वाले इस नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि की तैयारी पहले से शुरू हो जाती है। घर की साफ-सफाई के साथ माता के आगमन के लिए विभिन्न तरह के उपायों को अपनाते हैं। ऐसे में घर की सफाई करने के साथ मंदिर की भी साफ-सफाई की जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मौजूद मंदिर से सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। ऐसे में इस जगह को नकारात्मक ऊर्जा से बचाना बेहद जरूरी है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में कभी भी कैंची नहीं रखनी चाहिए। माना जाता है कि मंदिर में कैंची रखने से वास्तु दोष बनता है। इसके साथ ही गृह क्लेश का कारण बनता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में कैंची सहित अन्य नुकीली चीजें बिल्कुल नहीं रखनी चाहिए। इस पवित्र स्थान में इन चीजों को रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में घर में क्लेश बनी रहती है। इसके साथ ही आध्यात्मिक वातावरण पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में पूजा में एकाग्र रूप से मन लगाने में परेशानी उत्पन्न होती है। इसके साथ ही असुविधा और असहजता की भावना पैदा हो सकती है। इसके साथ ही मंदिर से कैंची हटा देने से व्यक्ति को पूरी तरह से अपने अध्यात्मिक अभ्यास, ध्यान और भक्ति पर ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है।
मंदिर में बिल्कुल भी न रखें ये चीजें —वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में कैंची के अलावा कुछ और चीजों को भी हटा देना चाहिए। —मंदिर में कभी भी टूटी-फूटी मूर्ति, तस्वीर आदि हटा देना चाहिए। अगर मूर्ति टूट गई है, तो उसे पूजा स्थान से हटा दें। —मंदिर में कभी भी सूखे फूल या फिर माला नहीं रखनी चाहिए। इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। —मंदिर में कभी भी एक से ज्यादा शंख न रखें। इसके अलावा खंडित शंख भी नहीं रखना चाहिए। —मंदिर में कभी भी कटी-फटी पुस्तकें नहीं रखनी चाहिए। इन्हें जल में प्रवाहित कर दें।