पटना: बिहार में मचे सियासी घमासान की वजह से संभावनाओं की सियासत शुरू हो चुकी है। सियासी गलियारों में कई तरह की क़यासबाज़ी हो रही है कि नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन को झटका देते हुए भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं। वहीं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायक और सांसदों की अहम बैठक होने वाली है। इसके साथ बिहार के अन्य दलों के राजनीतिक दिग्गजों की बैठक का दौर जारी है। इन्ही सब समीकरणों के बीच सीपीआईएमएल नेता दिपांकर भट्टाचार्य ने के बयान ने सियासी पारा चारा चढ़ा दिया है। उन्होंने कहा है कि जदयू भाजपा का साथ छोड़ती है तो मदद की जा सकती है।
वहीं राजद की तरफ़ से भी समर्थन के संकेत मिले हैं। सदन में मारपीट के मामले में हो सकती है कार्रवाई बिहार में बदल रहे सियासी समीकरण के बीच अमित शाह ने राजद की बैठक से पहले ही यहां की कमान संभाल ली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देर रात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश से कॉल पर बात की है। वहीं सूत्रों की मानें तो अमित शाह के बिहार मचे सियासी उथल-पुथल की कमान संभालते ही राजद के कई विधायकों पर तलवार लटक गई है। सियासी गलियारों में भी यह चर्चा तेज़ हो गई है कि पिछले साल बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को सदन में मारपीट के मामले में राजद विधायकों पर गाज गिर सकती है।