स्पेन में मिले लेटर बम के पीछे पुतिन की सेना का हाथ, यूरोप में डर फैलाना मकसद!

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मॉस्को: स्पेन में हुई लेटर बम (Spain Letter Bomb) की घटना को लेकर रूस की मिलिट्री इंटेलीजेंस एजेंसी (Russia Military Intelligence Agency) पर शक गहराया हुआ है. द न्यू यॉर्क टाइम्स ने अज्ञात अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से रविवार को खबर दी कि रूस की सैन्य खुफिया एजेंसी ने पीटर्सबर्ग स्थित व्हाइट मिलिटेंट ग्रुप को लेटर बम कैंपेन चलाने का आदेश दिया था. बता दें कि बीते साल नवंबर और दिसंबर में 6 लेटर बम के जरिये स्पेन के हाई प्रोफाइल सरकारी, मिलिट्री और डिप्लोमेट को निशाना बनाया गया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस इटेंलीजेंस एजेंसी ने इस हमले के लिए एक मिलिटेंट ग्रुप को काम सौंपा था.

नवंबर के अंत और दिसंबर की शुरुआत में स्पेन में हाई-प्रोफाइल सरकारी, सैन्य और राजनयिक लक्ष्यों के लिए छह पत्र बम भेजे गए थे. ताकि यूक्रेन को युद्ध में दिए जाने वाले समर्थन को वापस ले सके और यूरोपीय देशों के बीच खौफ फैला सके. न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम समकक्षों के साथ काम करने वाले स्पेनिश जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि GRU के मॉस्को स्थित 161वें विशेष प्रयोजन विशेषज्ञ प्रशिक्षण केंद्र ने रूसी इंपीरियल मूवमेंट का इस्तेमाल किया.

अखबार ने अज्ञात अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए लिखा, ‘लेटर बम के जरिये यह संकेत देना था कि रूस और उसके प्रतिनिधि पूरे यूरोप में आतंकवादी हमले कर सकते हैं.’ बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2020 में एक आतंकवादी समूह के रूप में सेंट पीटर्सबर्ग में सैन्य-शैली के प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन करने वाले रूसी इंपीरियल मूवमेंट का प्रचार-प्रसार किया.

अज्ञात अमेरिकी अधिकारी ने कहा, “रूसी इंपीरियल मूवमेंट को कभी-कभी प्रॉक्सी बल के तौर पर इस्तेमाल करने की क्षमता रूसी खुफिया के लिए उपयोगी होती है. खासतौर पर प्रतिद्वंदी देशों को रूस के खिलाफ कार्रवाई करने में कठिनाई होती है.’ लेटर बम अभियान में क्रेमलिन की भागीदारी को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. हालांकि रूसी इम्पीरियल मूवमेंट ने यूक्रेन में क्रेमलिन के युद्ध के प्रयास की आलोचना की है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

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