सावन में शिव पूजा में जरूर शामिल करना चाहिए बेलपत्र, महिमा है अपरम्पार, होती है संतान की प्राप्ति

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नई दिल्ली : भगवान शिव को सावन माह में बेलपत्र अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बीती 4 जुलाई से श्रावण मास शुरू हुआ है। इस बार 59 दिनों का सावन माह है। सावन में प्रत्येक दिन या फिर सावन सोमवार को बेलपत्र के उपाय करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से धन-दौलत प्राप्त होती है। इतना ही नहीं, शिव कृपा से संतान सुख और कार्य में सफलता भी मिलती है। सावन मास में हर शिवभक्त भगवान शिव की पूजा बड़े भाव से करते है। शिवालयों को सजाने के काम में शिवभक्त प्रतिदिन सुबह व शाम बेलपत्र का उपयोग किए जाते हैं। बेलपत्र चढ़ाने की महता को लेकर शिव भक्त बेलपत्र के व्यवस्था में लग गए हैं। जिससे भोलेनाथ की कृपा उनके ऊपर बनी रहे।

सावन में ऐसा कहा जाता है कि भगवान शंकर को एक लोटा जल अर्पित किया जाए और बेलपत्र अर्पित किया जाए तो भगवान शिव की कृपा आसानी से मिल जाती है। लेकिन बेलपत्र की महिमा क्या है। क्यों बेलपत्र इतना मूल्यवान है और बेलपत्र के अद्भुत प्रयोग क्या हैं। सावन के महीने में बेलपत्र का सही इस्तेमाल करके हम बहुत सारी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं।

शिवपुराण में बेलपत्र एवं बेल के पेड़ के कई सांसारिक व वैज्ञानिक महत्व भी बताए गए हैं। इसके साथ ही शिव पर अर्पित करने की अलग अलग विधि से भी भिन्न प्रकार के फलादेश का महत्व शिवपुराण में वर्णित है। शिवपुराण एवं मान्यताओं के अनुसार जो श्रद्धालु बेल का पेड़ लगाते हैं, उनके वंश में वृद्धि होती है। सुबह शाम बेल के पेड़ों के दर्शन मात्र से ही पापों का नाश होता है। बेल के पेड़ों को सींचने से पितर तृप्त होते हैं। बेल के पेड़ व सफेद आक को जोड़े से लगाने से अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। जीवन में एक बार भी बेल पत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने वाला व्यक्ति समस्त पापों से मुक्त हो जाता है।

बेल की पत्तियों को बेलपत्र कहा जाता है। तीन पत्तियां एक ही प्रकार से जुड़ी होती हैं, इनको एक पत्ता माना जाता है। भगवान शिव जी की पूजा में बेलपत्र के अद्भुत प्रयोग होते हैं और बिना बेलपत्र के शिव जी की पूजा संपूर्ण नहीं हो सकती है। बेलपत्र के दैवीय के अलावा औषधीय प्रयोग भी हैं, इसके प्रयोग से तमाम बीमारियां गायब की जा सकती हैं। सावन में बेलपत्र के उपाय

सावन में आप अपने घर पर या बगीचे में बेल और मदार या आक के पौधे को जोड़े में लगाएं. यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके घर में धन-दौलत की कमी नहीं होगी। आप पर माता लक्ष्मी प्रसन्न रहेंगी। धन का अभाव खत्म होगा, शिवजी पर जो भी बेलपत्र अर्पित करें, उसे पूजा के बाद धन स्थान या तिजोरी में रख दें। धन से आपकी झोली भर जाएगी। सावन में आप अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं तो बेल वृक्ष को जल से सींचें. ऐसा करने से आपके नाराज पितर तृप्त होकर आशीर्वाद देंगे। उनके खुश होने से परिवार में सुख और शांति आएगी। परिवार का हर सदस्य उन्नति करेगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग संतान सुख प्राप्त करना चाहते हैं, वे सावन में बेलपत्र का उपाय करें। सबसे पहले गाय के दूध और बेलपत्र की व्यवस्था कर लें। आप की जितनी वर्ष आयु है, उतनी संख्या में बेलपत्र ले लें और उसे गाय के कच्चे दूध में डुबो दें। पूजा के समय शिवजी को वह बेलपत्र अर्पित करें। इसके अलावा श्रावण मास में बेल का पौधा लगाने से भी संतान का सुख प्राप्त होता है।

108 बेलपत्र लें और उन पर चंदन से राम लिखें, ऊं नम: शिवाय कहते हुए बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं। जब 108 बेलपत्र चढ़ा लें तो शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें, यह प्रयोग सावन में विशेष फलदायी होता है। एक बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए, पत्तियां टूटी हुई ना हो और उनमें छेद भी नहीं होना चाहिए। शिव जी को जब भी बेलपत्र अर्पित करें तो चिकनी तरफ से ही चढ़ाएं, एक ही बेलपत्र को जल से धोकर बार-बार भी चढ़ा सकते हैं। एक बेलपत्र को बार-बार पानी से धोकर भी चढ़ा सकते हैं। बिना जल के बेलपत्र अर्पित नहीं करना चाहिए।

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