बंगाल गवर्नर हाउस पूर्व प्रधान सचिव के खिलाफ चाहता है जांच

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल का गवर्नर हाउस राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस की प्रधान सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के तबादले से संतुष्ट नहीं है, वह चाहता है कि राज्य सरकार उनकी जांच करे। सूत्रों ने कहा कि गवर्नर हाउस ने पश्चिम बंगाल कैडर के 1994 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए राज्य सचिवालय से औपचारिक अनुरोध भी किया है। उनके खिलाफ गवर्नर हाउस की मुख्य शिकायत यह थी कि उन्होंने गवर्नर हाउस के आंतरिक कामकाज के बारे में राज्य सचिवालय को भ्रामक जानकारी दी थी।

बुधवार शाम को, राज्य के कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर चक्रवर्ती को गर्वनर के प्रमुख सचिव के पद से हटाकर राज्य के पर्यटन विभाग का प्रमुख सचिव बना दिया है। स्थानांतरण अधिसूचना जारी होने के घंटों बाद, राज्य सचिवालय को अखिल भारतीय सेवा नियमों के तहत चक्रवर्ती के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने के लिए गवर्नर हाउस से औपचारिक अनुरोध प्राप्त हुआ।

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन के अनुसार, सी.वी. आनंद बोस भाजपा के निशाने पर आ गए क्योंकि वे राज्य सरकार और उसके प्रशासनिक प्रमुख के साथ समन्वय बनाए हुए हैं। शायद अब उन्होंने उस दबाव के आगे झुकना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि वह अपनी कुर्सी की गरिमा बनाए रखेंगे। हालांकि, अगर वह राज्य प्रशासन के साथ टकराव का रास्ता चुनते हैं, तो हमारी प्रतिक्रिया का पैटर्न बदल जाएगा।

पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इच्छा गवर्नर हाउस को राज्य सरकार की विस्तारित शाखा में बदलने की है। भट्टाचार्य ने कहा, अगर कोई गर्वनर अनुमति देने से इनकार करता है, तो वह राज्य की सत्ताधारी पार्टी का निशाना बन जाता है।

माकपा की केंद्रीय कमेटी के सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि अगर सेवा नियमों का उल्लंघन होता, तो नौकरशाह के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा, लेकिन यह कार्यवाही संविधान के अनुसार होनी चाहिए न कि किसी व्यक्ति की सनक के आधार पर।

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