नई दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को एक अलर्ट जारी कर कहा है कि भारत और तुर्की के बाजारों में लीवर की नकली दवा बेची जा रही है। संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक संस्था WHO ने अपने अलर्ट में कथित नकली दवा- डेफिटेलियो (डिफाइब्रोटाइड) के खिलाफ लोगों को आगाह किया है। WHO द्वारा जारी अलर्ट में कहा गया है, “यह WHO मेडिकल उत्पाद अलर्ट DEFITELIO (डिफाइब्रोटाइड सोडियम) के एक नकली बैच के संदर्भ में है। यह नकली उत्पाद भारत (अप्रैल 2023) और तुर्किये (जुलाई 2023) में पाया गया है और इसे विनियमित और अधिकृत चैनलों के बाहर आपूर्ति की गई थी।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इस दवा का उपयोग हेमेटोपोएटिक स्टेम-सेल ट्रांसप्लांटेशन (HSCT) थेरेपी में गंभीर हेपेटिक वेनो-ओक्लूसिव बीमारी (VOD) के इलाज के लिए किया जाता है, जिसे साइनसोइडल ऑब्सट्रक्टिव सिंड्रोम (SOS) के रूप में भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल वयस्कों, किशोरों, बच्चों और एक महीने से अधिक उम्र के शिशुओं के इलाज के लिए भी होता है। VOD एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लीवर में नसें ब्लॉक हो जाती हैं और अंग को सही ढंग से काम करने से रोक देती हैं।
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य निकाय के अनुसार, DEFITELIO के वास्तविक निर्माता ने पुष्टि की है कि अलर्ट में संदर्भित उत्पाद गलत है। WHO ने इस दवा की असली निर्माता कंपनी का वर्जन भी कोट किया है। कंपनी ने कहा है कि लॉट 20G20A के साथ असली DEFITELIO को जर्मन/ऑस्ट्रियाई पैकेजिंग में पैक किया गया है, जबकि नकली उत्पाद की पैकेजिंग यूके/आयरलैंड की है। कंपनी ने ये भी बताया है कि दवा के रैपर पर बताई गई एक्सपायरी डेट भी गलत है और रजिस्टर्ड शेल्फ लाइफ का अनुपालन नहीं करती है। इसके अलावा नकली दवाइयों का क्रमांक बैच 20G20A से संबद्ध नहीं है। कंपनी ने यह भी बताया है कि इस दवा को भारत और तुर्किये में मार्केटिंग करने का अधिकार हासिल नहीं है। यह पहली बार नहीं है जब WHO ने उक्त दवा के खिलाफ अलर्ट जारी किया है। इससे पहले 7 मई, 2020 को भी WHO ने कहा था कि अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, लातविया, मलेशिया और सऊदी अरब जैसे देशों में ये नकली दवा बेची जा रही है।