नई दिल्ली: रक्षाबंधन का पर्व हर साल धूम-धाम से मनाया जाता है और इस साल यह त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा। आपको बता दें कि इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी है। जी दरअसल भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। अब हम आपको बताते हैं इस साल रक्षाबंधन पर्व पर भद्राकाल कब से शुरू हो जाएगा।
भद्राकाल- 11 अगस्त 2022 को शाम 5 बजकर 17 मिनट पर भद्रा पुंछ शुरू होकर शाम 6 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगा। उसके बाद 6 बजकर 18 मिनट से भद्रा मुख शुरू होकर रात्रि 8 बजे तक रहेगा। वहीँ इस दौरान बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने से बचें।
इसके अलावा अगर किसी कारणवश भद्राकाल में राखी बांधना पड़े तो प्रदोषकाल में अमृत, शुभ, लाभ का चौघड़िया देखकर राखी बांध सकते हैं। जी दरअसल 11 अगस्त को अमृत काल शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है।
भद्रा में क्यों नहीं बांधते राखी- भद्रा काल में राखी बांधना वर्जित है। जी दरअसल पौराणिक कथा के अनुसार लंका नरेश रावण की बहन ने भद्राकाल में राखी बांधी थी जिसके कारण रावण का सर्वनाश हो गया।
भद्राकाल को माना गया अशुभ- भद्राकाल में राखी बाधंना अशुभ माना गया है, क्योंकि इसके पीछे एक पौराणिक कथा ये है कि शनिदेव की बहन का नाम भद्रा था। भद्रा का स्वभाव बहुत क्रूर था वो हर मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, यज्ञ में विघ्न डालती थी। हालाँकि भद्राकाल में कोई शुभ काम करना अच्छा नहीं माना जाता तो इसके परिणाम अशुभ होते हैं।