नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के SC-ST आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ आज यानी बुधवार 21 अगस्त को 14 घंटे का भारत बंद बुलाया गया है। इस विरोध प्रदर्शन का ऐलान दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDAOR) ने किया है। NACDAOR ने कोर्ट के सुझाव को दलित और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के पुरी तरह से खिलाफ बताया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार से इसे रद्द करने की मांग की है।
जानकारी दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और वाम दलों ने इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समर्थन दिया है। वहीं JMM ने अपने सभी नेताओं, जिला अध्यक्षों, सचिवों और जिला समन्वयकों से इस हड़ताल में भाग लेने को भी कहा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार 1 अगस्त को इस बारे में बड़ा फैसला सुनाया था। राज्य सरकारें अब अनुसूचित जाति, यानी SC के रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेंगी। अदालत ने इस बाबत 20 साल पुराना अपना ही एक फैसला पलटा था। तब कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जातियां खुद में एक समूह हैं, इसमें शामिल जातियों के आधार पर अब और बंटवारा नहीं किया जा सकता।
बता दें कि ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (NACDAOR) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST) और अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं। संगठन ने हाल में सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की बेंच द्वारा सुनाए गए फैसले के प्रति विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी।
NACDAOR ने इस बाबत केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है। संगठन SC, ST और OBC के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नये कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए। गौरतलब है कि आज 21 अगस्त को भारत बंद के दौरान अस्पताल और एंबुलेंस जैसी आपातकाल सेवाएं चालू रहेंगी। बैंक और सरकारी कार्यालय बंद रखने पर अभी तक सरकारकी तरफ से कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि आज बैंक और सरकारी दफ्तर खुले रहेंगे।