मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बनारस मर्चेंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वाराणसी का लाइसेंस रद्द कर दिया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि पर्याप्त पूंजी के अभाव और आय की संभावना नहीं होने के चलते बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बैंक ने चार जुलाई से बैंकिंग व्यवसाय बंद कर दिया। आरबीआई ने कहा, लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप, बनारस मर्चेंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वाराणसी को तत्काल प्रभाव से ‘बैंकिंग’ व्यवसाय करने से रोक दिया गया है। इसी के साथ ही पैसे की जमा व निकासी पर भी रोक लगा दी गई है।
आरबीआई ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने और इसके लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का भी अनुरोध किया गया है। आरबीआई ने कहा कि बैंक का चालू रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है। अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के कारण बैंक अपने जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा।
आरबीआई ने कहा, “यदि बैंक को अपना बैंकिंग कारोबार आगे भी जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो इससे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।” आरबीआई ने यह भी कहा कि प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।
बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99.98 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। 30 अप्रैल, 2024 तक, डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर कुल बीमित जमा राशि में से 4.25 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।