नई दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है. मंत्रियों के समूह ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST घटाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे जीएसटी काउंसिल की बैठक में नेक्स्ट मीटिंग के लिए टाल दिया गया है. इसका मतलब है कि अभी भी लोगों को अपने इंश्योरेंस पर पुराने टैक्स रेट के हिसाब से प्रीमियम जमा करना होगा.
GST परिषद की 55वीं बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर प्रीमियम कम करने का फैसला टालने के पीछे वजह बताया गया कि इस पर और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है. काउंसिल ने मंत्रियों के समूह (GOM) को अपनी रिपोर्ट को और अधिक व्यापक बनाने के लिए अतिरिक्त जानकारी पेश करने के लिए कहा है. इससे पता चलता है कि GST रेट्स को संशोधित करने या हेल्थ्स और लाइफ इंश्योरेंस से संबंधित प्रीमियम को कम करने पर कोई भी फैसला लेने से पहले मामले को और अधिक जांच की आवश्यकता है.
वर्तमान में, स्वास्थ्य बीमा, टर्म लाइफ इंश्योरेंस और यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान 18 प्रतिशत जीएसटी दर के तहत आते हैं. एंडोमेंट प्लान में जीएसटी आवेदन अलग है, पहले वर्ष में 4.5 प्रतिशत और दूसरे वर्ष से 2.25 प्रतिशत की दर से. जीवन बीमा के लिए सिंगल प्रीमियम एन्युटी पॉलिसियों पर 1.8 प्रतिशत जीएसटी दर लागू होती है. ये रेट्स सभी आयु वर्ग पर समान रूप से लागू होती हैं. स्वास्थ्य बीमा पर मंत्रिसमूह (GOM) ने 16 दिसंबर को राज्य और केंद्र सरकार के राजस्व अधिकारियों के समक्ष अपनी सिफारिशें रखी थीं.
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि समूह, व्यक्तिगत, वरिष्ठ नागरिकों की पॉलिसियों पर टैक्सेशन के बारे में फैसला करने के लिए बीमा पर जीओएम की एक और बैठक होगी। चौधरी ने मीडिया से कहा कि कुछ सदस्यों ने कहा कि और चर्चा की जरुरत है। हम (GoM) जनवरी में फिर मिलेंगे।
जीएसटी काउंसिल ने चौधरी की अध्यक्षता में इंश्योरेंस पर मंत्रियों के समूह (GoM) का गठन किया है, जिसने नवंबर में अपनी बैठक में सावधि जीवन बीमा पॉलिसियों के इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने पर सहमति जताई थी। साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस कवर के लिए वरिष्ठ नागरिकों द्वारा दिए गए प्रीमियम को भी टैक्स से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है।
वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों के 5 लाख रुपये तक के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने का भी प्रस्ताव है। हालांकि 5 लाख रुपये से अधिक के हेल्थ इंश्योरेंस कवर वाली पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी जारी रहेगा।
क्या की गई थीं सिफारिश?
जीवन बीमा के लिए छूट: GOM ने परिवार के सदस्यों को कवर करने वाली शुद्ध अवधि जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए जीएसटी छूट का प्रस्ताव दिया था. इसका मतलब यह होगा कि ये पॉलिसियां जीएसटी के अधीन नहीं होंगी, जिससे पॉलिसीधारकों पर वित्तीय बोझ कम होगा.
सीनियर सिटीजन के लिए हेल्थ बीमा पर छूट: एक अन्य प्रमुख सिफारिश खासतौर से सीनियर सिटीजन के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी से छूट है, जिससे बुजुर्ग आबादी के लिए हेल्थ सर्विस को अधिक किफायती बनाने में मदद मिलेगी.
पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी दर कम करना: GOM ने सभी पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर जीएसटी दर को घटाकर 5 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा है, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के विकल्प के बिना. इसका उद्देश्य प्रक्रिया को सरल रखते हुए व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की लागत को कम करना है.
सोमवार को जब शेयर बाजार खुलेगा तो जीएसटी रेट में कोई बदलाव नहीं करने से हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस देने वाली लिस्टेड कंपनियों के शेयरों जैसे- पॉलिसीबाजार, गो डिजिट और निवा बूपा (Policy Bazaar, Go Digit, Niva Bupa Stocks) पर इसका असर हो सकता है.