प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सांसद रहे अफजाल अंसारी के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। अफजाल अंसारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। हाई कोर्ट ने पूर्व सांसद की जमानत अर्जी मंजूर कर दी है। इससे उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, हाई कोर्ट ने एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस प्रकार भले ही पूर्व सांसद जेल से बाहर आ जाएंगे, लेकिन उनकी संसद सदस्यता बहाल नहीं हो पाएगी। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से सुनाए फैसले के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई की। हालांकि, सोमवार को इस सजा पर रोक लगाने के संबंध में फैसला नहीं आएगा। केवल कोर्ट की सजा के कारण सांसदी छिनने और जमानत के मामले में फैसला आया। कोर्ट के फैसले से साफ हो गया कि अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता दोबारा बहाल नहीं हो पाएगी। एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले के बाद जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अफजाल की सदस्यता समाप्त हो गई थी।
गाजीपुर से बसपा के सांसद रहे अफजाल अंसारी की याचिका पर सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया। गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में अफजाल को दोषी ठहराया था। उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई। इसी सजा पर पूर्व सांसद ने रोक लगाने और जमानत पर जेल से रिहा करने की मांग की है। हाई कोर्ट ने पूर्व सांसद की याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था। हाईकोर्ट की ओर से अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगाने की स्थिति में लोकसभा सदस्यता दोबारा बहाल होने की बात कही जा रही थी। लेकिन, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस केस में पूर्व सांसद को पूरी राहत नहीं दी। उनकी जमानत याचिका को मंजूर कर कोर्ट ने पूर्व सांसद को खुश होने का मौका दिया। लेकिन, संसद की सदस्यता समाप्त होने वाले फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच का फैसला दोपहर करीब 2 बजे आया। सुनवाई पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। 29 अप्रैल को गाजीपुर की अदालत से गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा सुनाए जाने के कारणअफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो गई थी। अब हाई कोर्ट के फैसले के बाद उनकी यह सदस्यता बहाल नहीं हो पाएगी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की सिंगल बेंच जेल में बंद पूर्व सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ 29 अप्रैल को आए फैसले के खिलाफ सुनवाई हुई थी। कोर्ट सोमवार को इस पूरे मामले पर फैसला नहीं देगा। अफजाल अंसारी की ओर दायर सजा पर रोक लगाए जाने और जमानत दिए जाने की याचिका पर ही फैसला आएगा। गैंगस्टर एक्ट से खुद को अलग किए जाने संबंधी याचिका पर अभी फैसला नहीं आना है। एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई के क्रम में अफजाल अंसारी के वकील ने कहा था कि उनका मुवक्किल दिल समेत कई बीमारियों से ग्रस्त है। उसका स्वास्थ्य अच्छा नहीं है। कोर्ट ने इसके बाद अफजाल अंसारी की फिटनेस रिपोर्ट मंगाई। कोर्ट ने तमाम पहलुओं पर विचार के बाद फैसला सुनाया।
अफजाल अंसारी को उसके भाई और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के साथ दोषी करार दिया गया था। गाजीपुर की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने 29 अप्रैल को दिए अपने निर्णय में 2007 के गैंगस्टर के एक मामले में सजा सुनाई थी। मुख्तार अंसारी को इस मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई। वहीं, कोर्ट ने अफजाल अंसारी को दोषी करार देते हुए चार साल की सजा का ऐलान किया। कोर्ट के इस निर्णय के बाद अफजाल अंसारी की सांसदी भी चली गई। अफजाल अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया। इन दिनों वह गाजीपुर जेल में बंद हैं। शुगर और हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी की बात कही जा रही है।