तेहरान : भारत को एक बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली है। दरअसल ईरान ने बीते दिनों इस्राइल से संबंधित जो जहाज जब्त किया था, उसके क्रू के सदस्यों में शामिल पांच भारतीय नाविकों को रिहा कर दिया है। पांचों भारतीय नाविक ईरान से आज शाम को रवाना भी हो जाएंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने रिहा किए गए भारतीय नाविकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी और साथ ही ईरान की सरकार को नाविकों की रिहाई के लिए धन्यवाद भी दिया।
ईरान ने बीती 13 अप्रैल को इस्राइल से संबंधित एक कार्गो जहाज को जब्त किया था। उस जहाज के क्रू में 17 भारतीय नागरिक शामिल थे। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स नौसेना ने होर्मुज जलडमरूमध्य के नजदीक इस्राइल से संबंधित जहाज एमएसएसी एरीज को जब्त किया। यह जहाज होर्मुज जलडमरूमध्य से दुबई की तरफ जा रहा था। ईरान का आरोप था कि जहाज उनके इलाके से बिना इजाजत गुजर रहा था। जहाज पर सवार भारतीय दल में केरल की एक महिला नाविक एन टेसा जोसेफ भी थी, जिसे ईरान की सरकार ने पहले ही रिहा कर दिया था और वह 18 अप्रैल को भारत पहुंच गई थी। ईरान ने जब जहाज को जब्त किया, तब उस पर क्रू के 25 सदस्य सवार थे, जिनमें 17 भारतीय और दो पाकिस्तानी भी शामिल थे। यह जहाज इस्राइली कारोबारी का है, लेकिन पुर्तगाल द्वारा इसका संचालन किया जा रहा था। अभी भी 11 भारतीय नाविक ईरान में ही हैं।
ईरान, इस्राइल-हमास युद्ध में हमास का समर्थन कर रहा है। यही वजह है कि लाल सागर में ईरान के समर्थन से हूती विद्रोही अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर लगातार हमले कर रहे हैं। बीते दिनों इस्राइल पर आरोप लगे कि उसने सीरिया में ईरान के दूतावास को निशाना बनाया, जिसमें ईरानी सेना के दो शीर्ष कमांडर मारे गए थे। इस हमले का आरोप ईरान ने इस्राइल पर लगाया और बदला लेने की धमकी दी थी। ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इस्राइल पर मिसाइलों और ड्रोन्स की मदद से बड़ा हमला किया, लेकिन इस हमले में इस्राइल को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जब दोनों देशों के रिश्तों में तनाव चरम पर था, उसी दौरान ईरान ने इस्राइल के जहाज को होर्मुज जलडमरूमध्य से जब्त किया था।