नई दिल्ली। पीएम किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त का इंतजार इस बार लंबा होता जा रहा है. हालांकि अब फरवरी के दूसरे हफ्ते में इस किस्त के किसानों के खाते में ट्रांसफर होने की उम्मीद है. सरकार की तरफ से किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इसी क्रम में अब सहकारिता मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के बीच एक एमओयू साइन किए गए हैं.
इस एमओयू के तहत साझा सर्विस सेंटर द्वारा दी जाने वाली सेवाएं अब प्राथमिक कृषि साख समितियां भी दे सकेंगी. एक बयान के अनुसार, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. शाह ने कहा कि एमओयू के अनुसार प्राथमिक कृषि साख समितियां अब साझा सेवा केंद्रों के रूप में काम कर सकेंगी.
इसके साथ पीएसीएस के 13 करोड़ सदस्यों समेत ग्रामीण आबादी को 300 से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे पीएसीएस की व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और उन्हें आत्मनिर्भर आर्थिक संस्था बनने में मदद मिलेगी. शाह ने कहा कि पीएसीएस नागरिकों को सीएससी योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर सूचीबद्ध सभी सेवाएं दे सकेंगी.
इसमें बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन / अपडेट, कानूनी सेवाएं, कृषि उपकरण, पैन कार्ड के साथ ही आईआरसीटीसी, रेल, बस और हवाई यात्रा के टिकट से जुड़ी सेवाएं शामिल हैं. उन्होंने कहा कि पीएसीएस के कंप्यूटरीकरण के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना के तहत विकसित किए जा रहे राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके पीएसीएस अब सीएससी के रूप में काम कर सकेंगी.