पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए कई राज्यों में तेजी से मांग की जा रही है. सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं. इस बीच कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. हाल ही में कई राज्यों में हुए चुनाव के बाद में पुरानी पेंशन योजना को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए चुनाव के बाद में कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में पुरानी पेंसन योजना एक अहम मुद्दा है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब में सरकार एक बार फिर से पुरानी पेंशन योजना पर फिर से स्विच कर रही है.
केंद्र सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को लेकर किसी भी तरह का ठोस जवाब नहीं दिया जा रहा है, लेकिन चुनावों में विपक्ष इस मुद्दे को भुना रहे हैं और आने वाले दिनों में इसका असर भी देखने को मिल सकता है. फिलहाल माना जा रहा है कि केंद्र सरकार उन सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना देने पर विचार कर सकती है जिन लोगों की भर्ती के लिए विज्ञापन 31 दिसंबर 2003 को या फिर उससे पहले जारी किए गए थे.
पुरानी पेंशन योजना के फायदे की बात की जाए तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आखिरी ड्रॉन सैलरी के आधार पर बनती है. इसके अलावा इसमें महंगाई दर बढ़ने के साथ ही डीए में भी इजाफा होता है. जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो भी इससे पेंशन में इजाफा होता है.