यूपी चुनाव में बन सकता है बड़ा मुद्दा,आशीष मिश्रा के खिलाफ चार्जशीट बनी भाजपा के गले की हड्डी
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चार्जशीट दायर कर दी है। बताया जा रहा है कि 5000 पन्ने की इस चार्जशीट में मुख्य आरोपी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को बनाया गया है। चार्जशीट में कहा गया है कि आशीष मिश्रा तीन अक्तूबर 2021 को किसानों को कार से रौंदने वाले घटना के दिन घटनास्थल पर ही मौजूद थे। आशीष मिश्रा के खिलाफ एसआईटी का यह चार्जशीट वो अहम सबूत है जिसकी गिरफ्त से निकलना न केवल आशीष मिश्रा के लिए अब मुश्किल है, बल्कि इसने उनके पिता अजय मिश्रा और भारतीय जनता पार्टी के लिए भी एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत सभी 13 आरोपी जेल में बंद हैं। भाजपा के लिए तो यह पूरा प्रकरण उसके गले की हड्डी बन गई है जो न तो पार्टी के निगलते बन रहा है न उगलते, क्योंकि अजय मिश्रा ने यह दावा किया था कि जब यह घटना हुई थी तो उनके बेटे घटनास्थल पर मौजूद थे। लेकिन अब चार्जशीट में अजय मिश्रा का बयान गलत साबित होता दिख रहा है।
चुनाव आयोग पांच जनवरी के बाद कभी भी उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनावों की घोषणा कर सकता है। ऐसे में एसआईटी की चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाना विपक्ष के लिए यूपी चुनाव में एक बड़ा मुद्दा हो सकता है। विपक्ष पहले से इस मुद्दे पर भाजपा और अजय मिश्रा को घेर रहा है। पिछले साल दिसंबर में खत्म हुए संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष पहले दिन से इस मसले पर लगातार अजय मिश्रा का इस्तीफा मांग रहा था। किसान आंदोलन में शामिल किसान संगठनों ने भी उनके इस्तीफे की मांग की थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तो इस मुद्दे को उठाकर चुनाव में कांग्रेस को चर्चा में ला दिया था।