नई दिल्ली: महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद सदस्य नवनीत कौर राणा की जाति प्रमाणपत्र मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवनीत राणा की जाति प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया था. ऐसे में लोकसभा चुनाव लड़ने पर संकट के बादल छा गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सांसद नवनीत कौर राणा की याचिका को स्वीकार करते हुए यह फैसला दिया है. बता दें कि नवनीत राणा इस बार भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं.
नवनीत राणा की याचिका पर जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत की पीठ ने सांसद की जाति प्रमाणपत्र को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया. नवनीत राणा ने अपना जाति प्रमाणपत्र रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. निर्दलीय सांसद महाराष्ट्र के अमरावती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 8 जून 2021 को कहा था कि नवनीत ने मोची जाति का प्रमाणपत्र फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी से हासिल किया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह सिख-चमार जाति से थीं. हाईकोर्ट ने उन पर 2 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फ़ैसले को पलट दिया है. इस बार नवनीत राणा बीजेपी से उम्मीदवार हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा नवनीत राणा की जाति प्रमाणपत्र खारिज होने से उनके साथ ही बीजेपी की सिरदर्दी भी बढ़ गई थी. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में बेहद सख्त टिप्पणी की थी. उसके बाद नवनीत राणा ने जाति प्रमाणपत्र रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. बता दें कि निर्दलीय सांसद महाराष्ट्र के अमरावती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.