इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने करतारपुर कॉरिडोर के लिए सरदार रमेश सिंह अरोड़ा को अपना पहला राजदूत नियुक्त किया है. दुनिया भर से सिख श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के प्रयासों के तहत पीएम शहबाज ने सरदार रमेश सिंह को यह जिम्मेदारी दी है. एक सरकारी अधिसूचना में बुधवार को यह जानकारी दी गई. अधिसूचना में कहा गया है कि प्रमुख सिख नेता मानद रूप से काम करेंगे.
नरोवाल में करतारपुर के रहने वाले अरोड़ा पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के केंद्रीय महासचिव भी हैं. सरदार रमेश सिंह का परिवार करतारपुर में सिख पवित्र स्थलों की सुरक्षा और कल्याण से जुड़ा रहा है. पाकिस्तान के अधिकारियों की सोच थी कि सिखों, विशेष रूप से भारत में रहने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण पवित्र स्थल खोलने से करतारपुर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
करतारपुर गलियारा पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के पंजाब राज्य के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव अपने जीवन के अंतिम कुछ वर्षों में कारतारपुर में ठहरे थे. चार किलोमीटर लंबा गलियारा दरबार साहिब जाने के लिए भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा-मुक्त पहुंच प्रदान करता है.
नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री खान ने एक समारोह में गुरु नानक की 550 वीं जयंती के उपलक्ष्य में औपचारिक रूप से करतारपुर गलिया का उद्घाटन किया, जिससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए बिना वीजा के पाकिस्तान में अपने धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक तक जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ.
पंजाब विधानसभा की वेबसाइट पर अरोड़ा (48) के परिचय में कहा गया कि उन्हें लगातार दूसरी बार पंजाब प्रांतीय विधानसभा का सदस्य चुना गया था. 2013-18 के दौरान अपने पहले कार्यकाल में, वह पंजाब विधानसभा में 1947 के बाद से सिख समुदाय से आने वाले पहले विधायक थे.