मलोट: मलोट के पास गांव औलख में लॉरैंस बिश्नोई गिरोह द्वारा बंबीहा गैंग के रणजीत सिंह राणा की हत्या करने के करीब 2 साल बाद सदर मलोट पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने इस मामले में मलोट निवासी जैकी कालड़ा पुत्र बाबू राम कालड़ा को गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि 2 दिसम्बर 2019 को लॉरैंस बिश्नोई गिरोह के शूटरों ने मलोट निवासी मनप्रीत सिंह मन्ना की गोलियां चला कर हत्या की थी तो जैकी कालड़ा मन्ना के साथ था और शूटरों ने जैकी के पैर में भी गोली मार दी थी। तब पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया था। यह भी गौरतलब है कि 22 अक्तूबर 2020 को लॉरैंस बिश्नोई के खतरनाक शूटरों ने मुक्तसर साहिब निवासी रणजीत सिंह राणा की उस समय अंधाधुंध गोलियां मारकर हत्या कर दी थी, जब वह अपनी गर्भवती पत्नी का चैकअप करवाने के लिए औलख गांव में एक निजी क्लीनिक में गया था।
सदर मलोट पुलिस ने इस मामले में लॉरैंस बिश्नोई और विक्की मिड्डूखेड़ा समेत 13 लोगों को नामजद किया था और सदर पुलिस द्वारा अब तक लॉरैंस बिश्नोई समेत 10 से ज्यादा आरोपियों को प्रोडक्शन रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा चुकी है।राणा की हत्या के 2 साल बाद पुलिस द्वारा की गई इस गिरफ्तारी से नए खुलासे होने की संभावना है। गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए सदर मलोट के मुख्य अधिकारी जसकरणदीप सिंह का कहना है कि पुलिस ने उक्त व्यक्ति को हिरासत में लेने के बाद मलोट कोर्ट में पेश कर 2 दिन का रिमांड हासिल कर लिया है।
राणा की हत्या के बाद पहली बार सामने आया था गोल्डी बराड़ का नाम
राणा की हत्या के बाद पहली बार गोल्डी बराड़ ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी और अपने भाई गुरलाल बराड़ की हत्या का बदला लेने बारे कहा था। गुरलाल बराड़ की राणा के कत्ल से 2 महीने पहले चंडीगढ़ में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में जैकी कालड़ा की पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद नए राज खुल सकते हैं क्योंकि मन्ने की हत्या के बाद जैकी कालड़ा की मन्ना के प्रतिद्वंद्वी लॉरैंस ग्रुप के आदमियों के साथ फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।