श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत, ‘हर हर महादेव’ का नारा लगाते कोर्ट से निकले याचिकाकर्ता

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वाराणसी: वाराणसी में स्थित श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Gyanvapi Masjid) में सोमवार को बड़ा फैसला आया है। वाराणसी के जिला न्यायालय के विशेष जज अजय कृष्ण विश्वेश ने मामले को सुनवाई योग्य माना है। जिला जज ने मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि मुस्लिम पक्ष ने आदेश 7 नियम 11 के तहत याचिका दाखिल कर हिंदू पक्ष की मांग को खारिज करने की मांग की थी।

बता दें कि श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष ने कोर्ट कमिश्नर के सर्वेक्षण में मिली शिवलिंग पर पूजा के लिए याचिका दाखिल की थी। जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज करने की मांग की थी। सोमवार को हुई सुनवाई के बाद वाराणसी जिला जज अजय कुमार विश्वेश ने सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के तहत मामले को सुनवाई योग्य मानते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी।

हिंदू पक्ष की हुई इस जीत के बाद वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिला जज ने हमारे फैसले को मान लिया है। मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी गई है। अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। जिला जज ने मुस्लिम पक्ष से अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

वाराणसी जिला जज के फैसले के बाद हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। पहले वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बात करते हुए कोर्ट का फैसला सुनाया। इसके बाद कोर्ट रूम से हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता महिला मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक ‘हर हर महादेव’ का नारा लगाते हुए और भजन गाते हुए बाहर निकले। महिला याचिकाकर्ताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘यह पूरे हिंदू समाज की जीत है।’

वाराणसी जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष नाराज दिखा। मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि जज साहब ने हमारे पक्ष के दलीलों को दरकिनार कर दिया है। इसके बाद प्रतिवादी पक्ष ने कहा कि वह उपरी न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हाई कोर्ट के दरवाजे हमारे लिए खुले हैं।

गौरतलब है कि सोमवार को बस इस बात पर फैसला आना था कि हिंदू पक्ष का दावा सुनवाई योग्य है कि नहीं। वाराणसी जिला न्यायालय ने माना कि यह फैसला सुनवाई योग्य है। जिसके बाद हिंदू पक्ष में खुशी की लहर दौड़ गई है। हालांकि हिंदू पक्ष का कहना है कि लड़ाई अभी लंबी है। आगे कानूनी प्रक्रिया के तहत हम मंदिर की लड़ाई और आगे ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक आदि विश्वेश्वर और मां श्रृंगार गौरी के पूजा पाठ की अनुमति नहीं मिल जाती।

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