बिहार जाति जनगणना: बिहार में होगी जाति आधारित जनगणना, पटना हाई कोर्ट ने नीतीश सरकार के पक्ष में दिया फैसला

0 111

बिहार जाति जनगणना: पटना हाई कोर्ट ने बिहार में जाति आधारित जनगणना पर लगी रोक हटा दी है. हाई कोर्ट ने आज नीतीश सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि बिहार में जाति आधारित गणना होगी. 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी.

याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कहा कि अब हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. बिहार सरकार को जातीय जनगणना कराने का अधिकार नहीं है. जाति आधारित गणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर कुल छह याचिकाएं दायर की गईं थीं. सभी आवेदन खारिज कर दिए गए हैं.

क्या है पूरा मामला?

पटना उच्च न्यायालय ने पांच दिनों तक विस्तृत दलीलें सुनने के बाद, 7 जुलाई को राज्य में जाति-आधारित सर्वेक्षण कराने के बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ताओं और बिहार सरकार की दलीलें सुनी गईं.

याचिका में कहा गया कि बिहार सरकार को यह सर्वे कराने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसा करके सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है. जाति गणना में लोगों की जाति के साथ-साथ उनके काम और उनकी योग्यता का भी ब्योरा लिया जा रहा है. यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है. जाति गणना पर खर्च किये गये 500 करोड़ भी टैक्स के पैसे की बर्बादी है।
याचिकाकर्ताओं ने जाति गणना पर रोक लगाने की मांग की थी.

कोर्ट में सरकार का पक्ष महाधिवक्ता पीके शाही रख रहे थे. हाई कोर्ट की रोक के बाद राज्य सरकार ने पहले हाई कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर की और फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. केंद्र सरकार के इनकार के बाद बिहार सरकार खुद बिहार में जाति आधारित जनगणना करा रही थी.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.