नई दिल्ली । बिहार के सारण में हुई जहरीली शराब त्रासदी की विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें लगभग 60 लोग मारे गए हैं। अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया।
पीठ ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और वकील से कहा कि उन्हें मामले को सूचीबद्ध करने के लिए उचित प्रक्रिया से गुजरना होगा। सुप्रीम कोर्ट शनिवार से शुरू होने वाले दो सप्ताह के शीतकालीन अवकाश पर जाएगा और यह 2 जनवरी को फिर से खुलेगा।
बिहार स्थित आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका में पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है।बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब के सेवन से छपरा जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को 57 तक पहुंच गई, जबकि कई अन्य अस्पतालों में जीवन के लिए जूझ रहे हैं। स्थानीय थाना प्रभारी (एसएचओ) रितेश मिश्रा और कांस्टेबल विकेश तिवारी को मढ़ौरा अनुमंडल पुलिस अधिकारी योगेंद्र कुमार की अनुशंसा पर गुरुवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। शीर्ष अदालत में दायर याचिका में केंद्र और बिहार सरकार को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में तर्क दिया गया है कि जहरीली शराब की बिक्री और खपत को रोकने के लिए एक बहु-आयामी योजना की आवश्यकता है।