नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के सह-संस्थापक बिल गेट्स (Bill Gates) से अपने आवास पर मुलाकात की। दोनों के बीच इस बैठक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artifical Intelligence) से लेकर डिजिटल पेमेंट्स (digital payments) तक के मुद्दे पर बात की। चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की लखपति दीदी योजना से लेकर स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र तक में बदलाव से बिल गेट्स को अवगत कराया। इस दौरान गेट्स ने भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ भी की और पीएम मोदी को इस क्रांति के लिए बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने इस बैठक के दौरान कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है पूरा देश डिजिटल क्रांति को अपना चुका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोनाकाल में भारत में कोविन एप के जरिए लोग ऑनलाइन ही वैक्सिनेशन के लिए बुकिंग करते थे और खुद ही समय लेते थे। इससे डिजिटल क्षेत्र ने कोरोना के समय में लोगों का काम आसान कर दिया।
पीएम मोदी ने आगे भारत की डिजिटल क्रांति के बारे में बताते हुए कहा, “देश के गांवों में दो लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनवाएं हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों को मैंने मॉर्डन टेक्नोलॉजी से सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों के साथ जोड़ दिया है। पीएम ने बताया कि कृषि को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाने की जरूरत है। उसी लिए हमने ड्रोन दीदी योजना चलाई और ये सफलतापूर्वक चल रही हैं।
चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि एआई के दुरुपयोग की संभावनाएं तब और बढ़ जाती हैं, जब बिना प्रशिक्षण के यह किसी को सौंपी जाती है। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि एआई-जनित सामग्री पर स्पष्ट वॉटरमार्क के साथ शुरुआत करनी चाहिए। ताकि कोई भी इसका दुरुपयोग न कर सके। उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में कोई भी डीपफेक का इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर आप आलस्य की वजह से एआई पर भरोसा कर रहे हैं, तो यह गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि अब एआई से आगे बढ़ना होगा और चैट जीपीटी से प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इसके जवाब में बिल गेट्स ने कहा कि ये एआई के शुरुआती दिन हैं। जिन चीजों को आप कठिन समझते हैं, यह उनको आसान कर देगा लेकिन जिन्हें आप आसान समझते हैं, वह वहां विफल हो जाएगा।
विविधता से एकता दर्शाने के लिए बनवाया स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
मैंने हिंदुस्तान के 6 लाख गांवों के किसानों से लोहे के टुकड़े इकट्ठे किए, उन्हें पिघलाया और उनका स्टैच्यू में उपयोग किया है। मैं हर गांव से मिट्टी लाया, उस मिट्टी से मैंने एक यूनिटी वॉल बनाई है। हिंदुस्तान के 6 लाख गांवों की मिट्टी उसमें है। उसके पीछे हमारी एकता की भावना है। हमने इतने बड़े देश की विविधताओं के बीच में एकता कैसे बना ली, उसे दर्शाने के लिए मैंने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण किया। ये दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैच्यू है जिसे कम से कम समय में बनाया गया है।