नई दिल्ली : भाजपा नेतृत्व लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार तय करने के साथ सहयोगी दलों के साथ भी सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे रहा है। असम (Assam) में यह काम पूरा हो गया है, जबकि बिहार, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व तमिलनाडु में अभी चर्चा चल रही है। पार्टी ने इन राज्यों के लिए सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तैयार कर लिया है, जिस पर जल्द ही मुहर लग सकती है।
भाजपा ने इस बार अपने लिए 370 व एनडीए के लिए 400 पार का नारा दिया है। पार्टी ने इसके लिए व्यापक तैयारियां भी की हुई हैं। असम में भाजपा ने 14 सीटों में अपने पास 11 सीटें रखी है, जबकि असम गण परिषद को दो और यूपीपीएल को एक सीट दी गई है। पार्टी बिहार व महाराष्ट्र में अपने सहयोगी दलों से चर्चा कर रही है। सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 80 सीटों में भाजपा संभावित सहयोगी रालोद को दो, अपना दल को दो, निषाद पार्टी को एक व सुभासपा को एक सीट दे सकती है। बाकी सीटों पर वह खुद लड़ेगी।
महाराष्ट्र में भाजपा को शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के साथ सीटों का तालमेल करना है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा व शिवसेना (अविभाजित) में तालमेल था। तब भाजपा 25 व शिवसेना 23 सीटों पर लड़ी थी। अब नए गठबंधन में भाजपा खुद 33 से 35 सीटों पर लड़ने की तैयारी में है। शिवसेना शिंदे को 11 से 13 सीटें दी जा सकती हैं। अजित पवार की एनसीपी को दो सीटें मिल सकती हैं।
आंध्र प्रदेश (25 सीटें) में भाजपा की तेलुगुदेशम के साथ चर्चा चल रही है। अगर गठबंधन हुआ तो भाजपा पांच सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। कर्नाटक (28 सीटें) में भाजपा सहयोगी जद (एस) को दो से तीन सीट देने की इच्छुक है। तमिलनाडु में भाजपा पीएमके व अन्य छोटे दलों से सीटों के बंटवारे पर चर्चा कर रही है। हरियाणा में भाजपा सहयोगी जजपा को कोई सीट देने को तैयार नहीं है, जिसे लेकर तनाव बना हुआ है। हालांकि, पार्टी को उम्मीद है कि यह मसला जल्द हल हो जाएगा।