नई दिल्ली : संसद के विशेष सत्र के लिए भाजपा (B J P) ने अपने लोकसभा सांसदों को उपस्थित रहने का आदेश (Order) दिया है। तीन लाइन की व्हिप (whip) जारी करते हुए सरकार ने सांसदों से कहा कि सदन में कुछ अति महत्वपूर्ण विधायी कार्य पर चर्चा और उन्हें पारित कराने के लिए उपस्थित रहें। पार्टी की ओर से जारी व्हिप में कहा गया कि सभी सांसद अनिवार्य रूप से सदन में रहें और सरकार के पक्ष का समर्थन करें। चर्चा है सरकार इस विशेष सत्र में पोस्ट ऑफिस बिल और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले संशोधन बिल पेश करने वाली है। कुल 4 बिल पेश किए जाएंगे, जिनमें चुनाव आयोग वाला विधेयक सबसे अहम है।
इस संशोधन विधेयक के जरिए सरकार चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट का दखल खत्म करना चाहती है। नई व्यवस्था के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले पैनल में चीफ जस्टिस नहीं रहेंगे। चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले बिल के सेक्शन 7 में कहा गया है कि इसके लिए एक समिति गठित होगी। इस समिति में पीएम, उनके द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता होंगे। इसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि अब चीफ जस्टिस को इस समिति से बाहर रखा जाएगा। इसके अलावा कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री और पीएम मिलकर किसी भी नियुक्ति को मंजूर कर लेंगे।
विपक्ष के नेता की राय को नजरअंदाज करने का विकल्प भी उनके पास रहेगा। इसके चलते विपक्ष भी चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर रहा है। पिछले सेशन में ही इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया गया था। बता दें कि स्पेशल सेशन के पहले दिन यानी 18 सितंबर को सरकार ने संसद के 75 सालों के इतिहास पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा अगले दिन यानी 19 सितंबर से नए भवन में संसद लगना शुरू होगी। नए संसद भवन का श्रीगणेश गणेश चतुर्थी से ही होने वाला है।