नोएडा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अपनी मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे किसान 23 फरवरी को दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। इन किसानों को अब कई अन्य किसान संगठनों का भी समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है। बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ग्रेटर नोएडा के परी चौक से लेकर सूरजपुर कलेक्ट्रेट तक ट्रैक्टर मार्च निकलेगा। देश में हो रहे किसान आंदोलन के समर्थन में और नोएडा में किसानों की समस्याओं को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
किसानों को मनाने के लिए मंगलवार को भी नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, डीएम और अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अगुआई में एक बैठक की गई। ये बैठक करीब दो से ढाई घंटे चली, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।
किसानों ने कहा कि समय देने के बावजूद सरकार ने अब तक हाईपावर कमेटी नहीं बनाई और न ही लिखित में आश्वासन दिया जा रहा है। ऐसे में दिल्ली कूच ही एकमात्र विकल्प है।
दिल्ली कूच को लेकर 81 गांवों में जन जागरण अभियान चलाया गया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आंदोलन कर रहे किसानों की मांग है की उनकी जमीन का अधिग्रहण 15-20 साल पहले हो चुका है। प्राधिकरण कब्जा ले चुका है, लेकिन आज तक उसके सापेक्ष मूल प्लॉट नहीं मिले हैं। कुछ किसान उच्चतम न्यायालय से 10 पर्सेंट के प्लाट के केस जीत चुके हैं, उनको भी प्लाट नहीं मिला है। आबादी पर आए दिन नोटिस आते हैं, उनका समाधान नहीं हो पाया है। जिन किसानों ने 100 प्रतिशत मुआवजा उठा लिया है। उसका 10 प्रतिशत जमा कराकर फाइल को आगे बढ़ाया जाए। पाँच प्रतिशत के प्लाट में कॉमर्शियल गतिविधि चलाई जाए।
इन सब मुद्दों को लेकर किसान अड़े हुए हैं। किसानों की मांग है कि हाई लेवल कमेटी का गठन अगर 23 फरवरी से पहले कर दिया जाता है तो ठीक है, नहीं तो 23 को दिल्ली कूच का आंदोलन जरूर होगा।